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दिल में ट्यूमर हो गया तो सर्जरी के बाद भी जिंदा रहना मुश्किल क्यों होता है?

कार्डियक एंजियोसारकोमा के लक्षण भी इसके बारे में बता नहीं पाते.

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एंजियोसारकोमा एक बार हो गया तो इसका इलाज पूरी तरह से मुमकिन नहीं है
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20 दिसंबर 2021 (Updated: 20 दिसंबर 2021, 15:37 IST)
Updated: 20 दिसंबर 2021 15:37 IST
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

आपने कई तरह के कैंसरों के बारे में सुना होगा. स्किन का कैंसर. हड्डियों का कैंसर. खून का कैंसर. पर क्या आपने दिल के कैंसर के बारे में सुना है? यानी कार्डियक एंजियोसारकोमा. ये दिल की ब्लड वेसेल, जिसे आप आसान भाषा में नस समझ सकते हैं, उसमें होने वाला ट्यूमर है. दिल की नसों में मौजूद कैंसर वाले सेल्स बढ़ते हैं और ट्यूमर बना देते हैं. इस तरह का कैंसर बहुत रेयर होता है. यानी ज़्यादा लोगों में ये नहीं पाया जाता.
हमें सेहत पर मेल आया डॉक्टर प्रवीण का. मुंबई में प्रैक्टिस करते हैं. कुछ समय पहले उनके सामने दिल में ट्यूमर का केस आया था. डॉक्टर प्रवीण का कहना है कि पेशेंट में कोई भी ख़ास लक्षण नहीं दिखे थे. पर जांच करने पर पता चला था कि उसके दिल में ट्यूमर है. यही कार्डियक एंजियोसारकोमा को ख़तरनाक बनाता है. इसके लक्षण साफ़ तौर पर पता नहीं चलते, इसका बचाव संभव नहीं है और इसकी जानकारी भी ज़्यादा लोगों को नहीं है. इसलिए डॉक्टर प्रवीण चाहते हैं कि हम अपने शो पर कार्डियक एंजियोसारकोमा के बारे में बात करें. सबसे पहले ये जान लेते हैं कि कार्डियक एंजियोसारकोमा होता क्या है. हार्ट का एंजियोसारकोमा क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर अजय कॉल ने.
Dr. Ajay Kaul | Cardiac Sciences Specialist in Noida , Kalyan - Fortis Healthcare डॉक्टर अजय कॉल, चेयरमैन, फ़ोर्टिस हार्ट एंड वैसक्यूलर इंस्टिट्यूट, नोएडा


-कार्डियक एंजियोसारकोमा दिल का ट्यूमर होता है.
-ये बहुत ही रेयर कंडीशन है.
-दिल की बीमारी के अगर 500 से 1000 पेशेंट्स होते हैं तो एंजियोसारकोमा मुश्किल से 1 पेशेंट को होता है.
-दिल के जो ट्यूमर होते हैं, उनमें से 75 प्रतिशत केसेस में इलाज संभव होता है, मौत का चांस बहुत कम होता है.
-पर एंजियोसारकोमा काफ़ी खराब कंडीशन होती है.
-मतलब जिस पेशेंट को एंजियोसारकोमा हो जाए, उसकी लाइफ ज़्यादा नहीं होती.
-एंजियोसारकोमा ब्लड वेसेल में होने वाला ट्यूमर है, जो दिल में पनपता है.
-इसे हार्ट का एंजियोसारकोमा कहते हैं.
-अगर ये शरीर के और किसी अंग में होता है तो उसे लिवर का एंजियोसारकोमा बोला जाएगा
European Sudden Cardiac Arrest network will look at gender-based prevention and treatment - Cardiac Rhythm News दिल की बीमारी के अगर 500 से 1000 पेशेंट्स होते हैं तो एंजियोसारकोमा मुश्किल से 1 पेशेंट को होता है

कारण और बचाव -एंजियोसारकोमा का बचाव संभव नहीं है.
-जेनेटिक कारण हो सकते हैं.
-कैंसर किसी को भी हो सकता है.
-कुछ कैंसर के बचाव संभव हैं जैसे लंग कैंसर. ये स्मोकिंग, प्रदूषण के कारण होता है.
-पर कई पेशेंट्स में कारण समझ में नहीं आता. इलाज -इसका एकमात्र इलाज सर्जरी है.
-सर्जरी भले ही ठीक रहे, लेकिन पेशेंट का सर्वाइवल खराब होता है.
-एंजियोसारकोमा एक बार हो गया तो इसका इलाज पूरी तरह से मुमकिन नहीं है. लक्षण -इसके कोई ख़ास लक्षण नहीं होते हैं.
-पेशेंट को थकावट होती है.
Understanding who's at risk for sudden cardiac death एंजियोसारकोमा का बचाव संभव नहीं है


-सांस फूलती है.
-चलने में सांस फूलती है.
-शरीर में सूजन.
-इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि ये राइट साइड का एंजियोसारकोमा है या लेफ़्ट साइड का.
-अलग-अलग जगह पर एंजियोसारकोमा होता है, जिसके लक्षण अलग-अलग होते हैं. डायग्नोसिस -लक्षण से पता नहीं चलता.
-रूटीन चेकअप के दौरान ख़ासतौर पर ईको (दिल का स्कैन) के दौरान पता चलता है कि दिल में ट्यूमर है.
आपने डॉक्टर साहब की बातें सुनीं. डराने वाली बात ये है कि एक बार किसी को कार्डियक एंजियोसारकोमा हो गया तो उसका जिंदा रहना मुश्किल है. सर्जरी के बाद भी. हां, इतना ज़रूर है कि जिन लोगों को सांस फूलने की दिक्कत, चलने पर सांस फूलना, शरीर में सूजन जैसी दिक्कतों हों, वो अपना रूटीन चेकअप ज़रूर करवाते रहें. ताकि समय रहता इसके बारे में पता चल सके.

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