क्या हुआ जब बॉयफ्रेंड के साथ वाली फोटो अखबार में छप गई, IAS अफसर ने बताया किस्सा
साथ ही जानिए, क्या पब्लिक प्लेस पर किसी की भी फोटो खींची जा सकती है?
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2017 बैच की आईएएस अधिकारी चांदनी चंद्रन ने ट्विटर पर अपना एस्पेरेंट्स मोमेंट शेयर किया. ट्वीट वायरल है.
(फोटो-चांदनी चंद्रन के ट्विटर हैंडल से)
हाल ही में आई वेबसीरीज एस्पिरेंट्स बहुत हिट रही. इसे सिविल सर्विसेज में सेलेक्शन पा चुके और इसकी तैयारी कर रहे दोनों ही तरह के लोगों ने पसंद किया. एक IAS अधिकारी ने ट्विटर पर अपना एक एस्पिरेंट वाला मोमेंट शेयर किया. चांदनी चंद्रन 2017 बैच की IAS ऑफिसर हैं. फिलहाल त्रिपुरा के कंचनपुर में SDM के पद पर तैनात हैं. उन्होंने ट्विटर पर अपने सिविल सर्विसेज की तैयारी के दिनों की एक फोटो शेयर की. और बताया कि कैसे IAS में सलेक्शन नहीं होने के बावजूद टॉपर्स के साथ उनकी फोटो छप गई. साथ ही इस वायरल ट्वीट के बहाने जानते हैं कि क्या पब्लिक प्लेस पर इस तरह से किसी की फोटो खींचना सही है?
स्ट्रेस दूर करने निकली थी, अगली सुबह फोटो छप गई
2016 की बात है. चांदनी चंद्रन केरल के त्रिवेंद्रम में UPSC की तैयारी कर रही थीं. जिस दिन सिविल सर्विसेज 2015 का फाइनल रिजल्ट आया वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ कहीं बाहर थीं. इस मौके पर टाइम्स ऑफ इंडिया के अखबार के फोटोग्राफर राकेश नायर ने उनकी तस्वीर खींच ली. अगले दिन के टाइम्स ऑफ इंडिया के लोकल एडिशन में वो तस्वीर छप भी गई. उन्होंने ये किस्सा बताते हुए ट्विटर पर लिखा,
10 मई, 2016. सिविल सर्विसेज एग्जाम 2015 का फाइनल रिजल्ट आने वाला था. मैं अरुण सुदर्सन के साथ स्ट्रेस को दूर करने के लिए बाहर निकली. मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ. अगले दिन अखबार टॉपर्स की तस्वीरों से भरे पड़े थे और टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये तस्वीर छाप दी. अरुण ने टाइम्स ऑफ इंडिया में फोन करके फोटो छापने पर आपत्ति जताई. मैंने इसे एक संकेत के रूप में लिया कि मेरी तस्वीर UPSC टॉपर्स से भरे पेपर में होनी चाहिए और मैं खुशी-खुशी किसी भी मंजिल की ओर चल सकती हूं, जिसमें कोई छाता पकड़े हुए है और जब मैं हर कदम उठाती हूं तो मुझे प्यार से देखता है. बाद में मेरा सलेक्शन हुआ और हमने शादी कर ली. कुछ दिन पहले मैं इस तस्वीर के बारे में सोच रही थी और अरुण ने फोटोग्राफर राकेश नायर से संपर्क किया. शिकायत की वजह से उन्हें फोटो याद थी. उन्होंने हमें फोटो भेज दी. उनका बहुत-बहुत शुक्रिया.
पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गया. कुछ लोगों ने उन्हें बधाई दी और कुछ ने पूछ लिया कि क्या फोटो खींचना गैरकानूनी है. इस पर चांदनी चंद्रन ने ट्वीट करके जवाब दियाMay 10, 2016.Results of Civil Service Exam 2015 was expected to be out & I was roaming with @mrarunsudarsan to not stress over it. I didn't make it. Next day newspapers were filled with pics of toppers & @timesofindia published this pic of us! Arun called ToI & complained (1/3) pic.twitter.com/mYaemtmm5t
— Chandni Chandran (@chandni_ias) June 29, 2021
"इसमें कुछ गैरकानूनी नहीं है लेकिन इन तस्वीरों की वजह से घर में कुछ असहज करने वाली बातें जरूर होने लगती हैं."
Nothing illegal! Just that such pics create uncomfortable conversations at home 😁 — Chandni Chandran (@chandni_ias) June 29, 2021हमने तकरीबन 5 साल पहले हुए इस वाकये को लेकर चांदनी चंद्रन से बात की. उनसे पूछा कि इस फोटो के छपने के बाद तो घर पर बहुत बवाल हुआ होगा? उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया.
"नहीं ऐसे ज्यादा बवाल तो नहीं हुआ लेकिन हां ये पूछताछ तो जरूर हुई कि ऐसे मौसम में कहां गई थीं. सभी के घरवाले फिक्रमंद रहते हैं."फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर ने क्या कहा? इस पूरी बातचीत में एक बात और ध्यान देने वाली है. फोटोग्राफर ने फोटो खींची और बिना बताए अखबार में छाप दी. क्या ऐसा करना कानूनन सही है. जैसा कि चांदनी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उन्होंने अखबार में इसे लेकर शिकायत भी की थी. हमने जब उनसे अखबार में की गई शिकायत पर मिले जवाब के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा,
"चूंकि मैं पब्लिक प्लेस पर थी और मैंने तब फोटोग्राफर को फोटो खींचने से मना भी नहीं किया था, ऐसे में उनकी गलती नहीं थी."रोचक बात यह है कि चांदनी की ट्वीट पर फोटो खींचने वाले टाइम्स ऑफ इंडिया के फोटोग्राफर राकेश नायर ने भी जवाब दिया है. उन्होंने लिखा,
"बारिश में एक खींची गई तस्वीर के पीछे इतनी कहानी है ये मुझे 5 साल बाद पता चल रहा है. आप एक सुंदर कपल हैं. आने वाले वक्त की शुभकामनाएं. आपकी इस यात्रा का हिस्सा बनने की मुझे खुशी है."जवाब में चांदनी लिखती हैं
"फोटो खींचने और शुभकामना के लिए बहुत धन्यवाद. मैं यकीन नहीं कर पा रही हूं कि आपने उन लोगों के लिए 5 साल पुरानी फोटो खोजने की जहमत उठाई जिन्होंने आपकी शिकायत कर दी थी. आप बड़े दिलवाले हैं."राकेश नायर बोले,
"हा हा हा, मैंने कभी भी उस शिकायत को दिल से नहीं लिया. हम दोनों ही अपनी जगह सही हैं. मैंने पब्लिक प्लेस पर तस्वीर खींची थी और आपने रोका नहीं था ऐसे में मैं प्राइवेसी रूल के दायरे में था. घर पर असहज बातचीत वाली बात पर आपका गुस्सा भी सही है. खैर जैसा कहा जाता हैं, अंत भला तो सब भला."
प्राइवेसी का कानून क्या कहता है? हमने इस मसले पर हाई कोर्ट के वकील रोहित जैन से बात की. उन्होंने बताया,This has to be a special moment for me knowing that a simple rain click of mine has so much of back story to it n getting to know this after 5 years is pure bliss 😄 u both r a sweet couple.. Best wishes for the years ahead.. Happy to be a small part of ur journey ☺
— Rakesh Nair (@shutterbugnair) June 29, 2021
"पब्लिक प्लेस में प्राइवेसी का मामला बहुत नाज़ुक है. अमूमन अगर पब्लिक प्लेस पर कोई मौजूद है और उसकी तस्वीरें ली जाती हैं तो ये प्राइवेसी भंग करने के दायरे में नहीं आता. मिसाल के तौर पर अगर पार्क में बैठे हुए या भीड़ भरे मार्केट में घूमते हुए किसी की तस्वीर ली जाती है तो यह प्राइवेसी का मामला नहीं बन सकता. चूंकि जिसकी तस्वीरें ली गई हैं उसने खुद ही एक पब्लिक स्पेस में खुद को उपलब्ध कराया है ऐसे मे सीधा मामला नहीं बनता. हालांकि अगर किसी ने फोटोग्राफर को तस्वीर खींचते देख लिया और ऐसा करने से मना कर दिया तो यह प्राइवेसी भंग करने के दायरे में माना जाएगा. इसके लिए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है. मॉल-सिनेमाहॉल आदि में फोटो खींचने के लिए संचालक से परमीशन लेने का प्रावधान होता है. वहां पर किसी भी वक्त तस्वीरें खींचने से मना किया जा सकता है. पब्लिक प्लेस में खींची गई तस्वीरों के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना मुश्किल काम है. मिसाल के तौर पर अगर कोई कपल भीड़भरे बीच पर एक-दूसरे को किस कर रहा है और उनकी तस्वीरें खींच कर फोटोग्राफर अखबार में छपने को दे देता है. इसके बाद अगर कोई दिक्कत होती है तो फोटोग्राफर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता."सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता की इस मामले में अलग राय है. वह कहते हैं,
"पब्लिक प्लेस में तस्वीरें खींचने का कोई फ्लैट नियम नहीं हो सकता. प्राइवेसी का मामला बहुत संवेदनशील है. यह कई बातों पर निर्भर करता है. सबसे बड़ी बात यह कि फोटो खींचने की मंशा क्या है? कानून सबसे पहले मंशा की बात करता है. मिसाल के तौर पर भीड़ की फोटो तो खींची जा सकती है लेकिन भीड़ में मौजूद बच्चे को ब्रेस्टफीड करती महिला का फोटो खींचना प्राइवेसी के हनन का मामला बनेगा. मेरा मानना है कि प्राइवेसी के नियम में एक तराजू पर सभी केसेज को नहीं तौला जा सकता. हर केस की परिस्थितियां और माहौल अलग होता है. उस हिसाब से ही कानून काम करता है. अखबार भले ही अपने फोटोग्राफर की खींची हुई फोटो को डिफेंड कर ले लेकिन अगर कोर्ट मामले में प्राइवेसी के हनन का दोष मानता है तो अखबार भी दायरे में आएगा."एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर कोई बिना अनुमति के आपका फोटो खींच रहा है तो उसे रोकना आपका कानूनी अधिकार है. न मानने पर उसकी शिकायत पुलिस में कराई जा सकती है. इसके अलावा अगर किसी मॉल या प्राइवेट जगह जैसे शोरूम आदि में ऐसा होता है तो वहां के मैनेजर से एक्शन लेने के लिए कहा जा सकता है. चूंकि अखबार में छापे गए फोटो की मंशा किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं होती ऐसे में उन पर कानूनी एक्शन लेना थोड़ा मुश्किल होता है. हालांकि उन पर भी केस दर्ज कराया जा सकता है. बाद में कोर्ट तय करता है कि मामला प्राइवेसी के हनन का है कि नहीं.