वोडाफोन आइडिया का प्रीपेड रिचार्ज भी हुआ महंगा, बढ़ी कीमतों के साथ नए प्लान जानिए
एयरटेल पहले ही इसकी घोषणा कर चुकी है.
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भारती एयरटेल के बाद अब नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी वोडाफोन आइडिया ने भी टैरिफ कीमतें बढ़ा दी हैं. बढ़ी हुई कीमतें गुरुवार 25 नवंबर से लागू होंगी. इससे पहले भारती एयरटेल ने 22 नवंबर को कीमतें बढ़ाने की घोषणा की थी. एयरटेल की बढ़ी हुई कीमतें 26 नवंबर से लागू होंगी.
वोडाफोन आइडिया की घोषणा के मुताबिक, बेसिक प्रीपेड टैरिफ प्लान की कीमत में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 28 दिनों के लिए वैध इस बेसिक प्लान की कीमत पहले 79 रुपये थी. बढ़ोतरी के बाद ये 99 रुपये हो जाएगी. इस प्लान के तहत 99 रुपये का टॉकटाइम और 200 MB डेटा मिलेगा. 28 दिन के 1 GB डेटा प्लान के लिए पहले 219 रुपये देने पड़ते थे, अब इसके लिए 269 रुपये देने होंगे.
इसी तरह 149 रुपये का प्लान बढ़कर 179 रुपये का हो जाएगा. 449 रुपये का प्लान बढ़कर, 539 का और 699 रुपये का प्लान बढ़कर 839 रुपये का हो जाएगा. इसके अलावा डेटा टॉप अप्स में भी बढ़ोतरी की घोषणा कंपनी की तरफ से की गई है. 84 दिन के डेढ़ जीबी डेटा प्लान के लिए पहले 599 रुपये देने पड़ते थे, अब 719 रुपये देने होंगे. कंपनी ने नए टैरिफ प्लान की लिस्ट जारी की है. नीचे लगी टेबल देखिए.
Vodafone Idea की बढ़ी हुई कीमतें. (फोटो: Vi)
जियो भी बढ़ा सकता है पैसे वोडाफोन आइडिया ने कीमतों में इस बढ़ोतरी का कारण भी दिया है. कंपनी का कहना है कि इस बढ़ोतरी से सेवाएं और बेहतर होंगी. साथ ही साथ टेलीकॉम इंडस्ड्री जिस वित्तीय दबाव से जूझ रही है, उससे निपटने में भी सहायता मिलेगी.
कंपनी ने बयान जारी कर कहा है,
हम सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के महत्व को समझते हुए इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ग्राहकों को सहज और सुविधाजनक प्रोडक्ट मुहैया कराने के कमिटमेंट को ध्यान में रखते हुए वोडाफोन आइडिया ने वॉइस और डेटा दोनों के लिए बढ़िया प्लान की सबसे अच्छी रेंज तैयार की है.इस बीच रिपोर्ट्स हैं कि रिलायंस जियो भी जल्द ही प्रीपेड टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ा सकता है. इससे पहले दिसंबर 2019 में इस तरह की बढ़ोतरी हुई थी. जियो की तरफ से भी कीमतें बढ़ाने के लिए वित्तीय संकट और इंडस्ड्री में कैश फ्लो की कमी का हवाला दिया जा रहा है.
दूसरी तरफ एयरटेल ने भी कीमतें बढ़ाने के लिए कुछ इसी तरह की वजह सामने रखी थी. कंपनी ने कहा था कि एक अच्छे और स्वस्थ बिजनेस मॉडल के लिए दरें बढ़ाना जरूरी हो गया था.