महिला आरक्षण बिल(Women Reservation Bill) पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान राजदसांसद मनोज झा ने बिल के नाम पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि संविधान अधिकारों की बातकरता है लेकिन इस बिल को दया भाव के तौर पर पेश किया जा रहा है. दया कभी भी अधिकारकी श्रेणी में नहीं आ सकती. इस दौरान उन्होंने एक कविता के जरिए अपने अंदर के ठाकुरको मारने की बात भी कही. देखें वीडियो.