नेपाल ने 17 वर्षों में अपनी सबसे घातक राजनीतिक उथल-पुथल देखी. प्रदर्शनकारियों नेसंसद पर धावा बोला, नेताओं पर हमले हुए और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफ़ादे दिया. सड़कों पर हिंसक झड़पों से लेकर सैन्य हस्तक्षेप और एक नए युवा प्रतीक केउदय तक, यह घटना इस हिमालयी राष्ट्र में व्याप्त अराजकता, पतन और अनिश्चितता कोदर्शाती है. 9 सितंबर, 2025 को नेपाल में जेल तोड़ने की कई खबरें आईं. पोखरा मेंप्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, जिससे 900 सेज़्यादा कैदी एक स्थानीय जेल से भागने में सफल रहे. इसी तरह, काठमांडू मेंप्रदर्शनकारियों ने नखू जेल के कुछ हिस्सों में आग लगा दी, जिससे सभी कैदी आज़ाद होगए. धनगढ़ी में भी जेल तोड़ने की खबरें आईं, जहां प्रदर्शनकारियों ने एक जेल परहमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों कैदी भाग गए. रिहा होने वालों में पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने भी शामिल थे. क्या है पूरी खबर, जानने के लिए देखें वीडियो.