भारत का संविधान बार-बार हर तरीके से ये बात समझाता है कि राज्य का कोई धर्म नहींहै. संविधान की इस भावना को सुप्रीम कोर्ट वक्त-वक्त पर फैसले देकर मजबूत करता है.लुब्बेलुबाब ये कि राज्य को धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. ऐसे मेंएक राज्य की विधानसभा कैसे किसी खास धर्म के लिए कमरा आरक्षित कर सकती है? देखिएवीडियो.