19वीं सदी में इंग्लैंड के एक प्रधानमंत्री हुए, हेनरी जॉन टेम्पल. वो कहते थे कि देशों के आपसी रिश्तों में न कोई स्थायी दोस्त होता है, न परमानेंट दुश्मन. स्थायी बस एक चीज होती है, अपना हित. उनकी मौत के करीब डेढ़ सदी बाद भी सरकारें इस फॉर्म्युले को अपना गुरु वाक्य मानकर चल रही हैं. इसकी एकदम फ्रेश मिसाल हैं इज़रायल और मोरक्को. लंबी दुश्मनी के बाद अब ये दोनों कूटनीतिक रिश्ते कायम करने को राज़ी हो गए हैं. इनके बीच सरपंच बना अमेरिका. वहां ट्रंप अपनी रुख़सती के पहले किसी तरह ये डील करवाना चाहते थे. इसीलिए उन्होंने करीब 40 साल पुरानी अमेरिकी विदेश नीति को तजकर मोरक्को की शर्त मान ली.