आप अपने सिस्टम से क्या उम्मीद करते हैं? न्यूनतम इतना कि रात को सोएं, तो सुबहसही-सलामत जगने का भरोसा रहे. उम्मीद करते हैं कि देश में कभी कोई उपद्रव या अशांतिहो भी, तो कुछ दिनों में ख़त्म हो जाए. लेकिन अगर आपको ऐसा देश मिले, जहां हिंसा केचलते पहले आपके दादा को रिफ़्यूजी बनना पड़े. फिर पिता को. फिर आपको. और तब भी येउम्मीद नहीं कि आपके बच्चों को ये दिन न देखना पड़े.