जाकिर नाइक के लिए पाकिस्तान में बिछा रेड कार्पेट, मंत्री लेने पहुंचे, 2 दिन बाद बड़ी तैयारी
Zakir Naik 28 दिनों के दौरे पर Pakistan पहुंचा है. पाकिस्तान पहुंचने पर जाकिर का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया.
विवादित इस्लामिक प्रचारक और भारत सरकार की तरफ से भगोड़ा घोषित जाकिर नाइक 28 दिनों के दौरे पर पाकिस्तान (Zakir Naik in Pakistan) पहुंचा है. जाकिर 28 अक्टूबर तक पाकिस्तान में रहेगा. पाकिस्तान पहुंचने पर जाकिर का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया. इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर जाकिर नाइक के स्वागत के लिए पाकिस्तान के मंत्री राणा मशहूद समेत कई और नेता मौजूद थे. नाइक ने इसके बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ भी मुलाकात की.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिर नाइक अपने बेटे फारिक जाकिर के साथ पाकिस्तान दौरे पर है. वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर वहां गया है. इस दौरान जाकिर नाइक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अलावा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ से मुलाकात करेगा. साथ ही जाकिर बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती और सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह से भी मिलेगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिर नाइक इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में भाषण देगा. वो 4 अक्टूबर को जुमे की नमाज का नेतृत्व भी करेगा. नवंबर, 2016 में NIA ने ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ इंडियन पीनल कोड (IPC) और Unlawful Activities (Prevention) Act यानी UAPA के तहत केस दर्ज किया. उसी साल एक दूसरी केंद्रीय एजेंसी - प्रवर्तन निदेशालय (ED) - ने भी ज़ाकिर के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. उस समय वो मलेशिया में था. वो जांच के लिए भारत नहीं लौटा. NIA ने उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कोशिश भी की, लेकिन इंटरपोल ने सबूतों की कमी के चलते मांग को ठुकरा दिया.
अब जाकिर नाइक के बारे में थोड़ा जान लेते हैं. ज़ाकिर नाइक पेशे से एक डॉक्टर है. मुंबई में पैदा हुआ था. बाद में इस्लामी प्रचारक बन गया. ‘असली’ इस्लाम की शिक्षा बांटने का दावा करता है. कहता है कि उसे हिंदू और मुस्लिम धर्म ग्रंथों की पूरी जानकारी है. उसने इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन (IRF) की स्थापना की थी. भारत में 2016 से ये संगठन प्रतिबंधित है. 2021 में बैन को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था. उसका अपना एक टीवी नेटवर्क भी है, ‘पीस टीवी’. भारत, कनाडा, बांग्लादेश, श्रीलंका और यूके की सरकारों ने बैन कर रखा है. वो भारत सरकार पर आरोप लगाता है कि मुस्लिम चैनल होने की वजह से टेलिकास्ट की इजाज़त नहीं मिलती. बैन के बावजूद उसके वीडियोज़ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के ज़रिए हज़ारों-लाखों लोगों तक पहुंचते रहते हैं.
साल 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका की मशहूर होली आर्टिसन बेकरी में बम धमाका हुआ था, जिसमें 20 लोग मारे गए थे. 2019 में ईस्टर के दिन श्रीलंका में एक के बाद एक बॉम्ब ब्लास्ट हुए थे, जिसने 250 से अधिक लोगों की जान ले ली थी. दोनों ही आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों ने ये बात क़ुबूली कि वो ज़ाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित थे.
भारत सरकार ने ज़ाकिर नाइक को हेट स्पीच, ज़बरन धर्म-परिवर्तन और आतंकी घटनाओं में संलिप्तता के आरोप में ‘भगोड़ा’ घोषित कर रखा है. ज़ाकिर नाइक के केस में भारत तीन बार इंटरपोल के सामने अर्ज़ी दे चुका है. लेकिन तीनों बार इंटरपोल ने एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी. कहना ये कि भाषणों में पैसे मांगना और धर्म का प्रचार करना अपराध की केटेगरी में नहीं आता
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