The Lallantop
Advertisement

मनीष कश्यप के सामने मीडिया आया, बिहार पुलिस और नेताओं के लिए क्या कहा?

बिहारी मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोपी हैं मनीष कश्यप.

Advertisement
you tuber manish kashyap on spreading fake videos i havent done anything wrong
मनीष कश्यप. (फोटो- आजतक)
29 मार्च 2023 (Updated: 29 मार्च 2023, 15:38 IST)
Updated: 29 मार्च 2023 15:38 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहारी मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया (Youtuber Manish Kashyap on Fake videos) है. मीडिया के साथ बातचीत में मनीष कश्यप ने ये बात कही है. बोले कि उन्हें कानून और बिहार पुलिस पर पूरा भरोसा है, लेकिन बिहार के नेताओं पर नहीं. खुद पर लगे आरोपों को मनीष ने राजनीति से प्रेरित बताया.

दरअसल मंगलवार, 28 मार्च को तमिलनाडु पुलिस को पटना की अदालत से मनीष कश्यप की ट्रांजिट रिमांड मिली थी. मामले में पूछताछ के लिए मनीष कश्यप को तमिलनाडु ले जाया जा रहा था. उसी दौरान एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए मनीष ने कहा,

“मुझे भरोसा है कि बिहार आज नहीं तो कल जरूर बदलेगा. तमिलनाडु या बिहार पुलिस ने मेरे साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया है.”

ट्रांजिट रिमांड मतलब हिरासत के दौरान ही आरोपी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना. ऐसा मामले में सुनवाई के लिए संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के उद्देश्य से किया जाता है. मनीष ने उनके खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर कहा कि पहली बार भारत में पत्रकार के साथ ऐसा किया गया है. उनका कहना है,

“मैंने कोई गलत वीडियो नहीं बनाया है. आप लोग जाकर देख सकते हैं. मैंने तमिलमाडु के बारे में या किसी के बारे में कुछ गलत नहीं बोला है. आप लोग बिहार के मजदूरों के लिए आवाज जरूर उठाइए. ये लड़ाई आप लोगों को भी लड़नी होगी. मुझ पर पॉलिटिकल आरोप लगाया जा रहा है बस.”

मनीष ने आगे कहा,

“किसी भी हाल में बिहार के मजदूरों के लिए सबको जीतना है. तब हमारा बिहार बदलेगा. वरना दूसरे राज्य में हम जाकर धक्के खाते रहेंगे. बिहार की बर्बादी के लिए बिहार के नेता दोषी हैं. मुझे कानून और बिहार पुलिस पर भरोसा है. लेकिन बिहार के नेताओं पर भरोसा नहीं है.”

क्यों गिरफ्तार हुए मनीष?

कुछ समय पहले तमिलनाडु में रह रहे बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई की अफवाहें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी थीं. कुछ वीडियो वायरल हुए थे जिनके आधार पर ये दावा किया जा रहा था. लेकिन बाद में तमिलनाडु और बिहार की सरकारों और पुलिस ने इन वीडियो को 'स्क्रिप्टेड' और फर्जी करार दिया. मनीष पर आरोप है कि उन्होंने भी बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले के ऐसे ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो और खबरें वायरल किए थे.

इसके बाद बिहार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मनीष के खिलाफ FIR दर्ज की. जांच के आधार पर बिहार पुलिस ने बताया था कि 'हत्या' का बताकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया एक वीडियो किसी और का है. आगे जांच बढ़ी तो पता चला कि असल में ये आत्महत्या का पुराना वीडियो है और इसका बिहार में रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंध नहीं था.

वीडियो: सोशल लिस्ट: मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद बिहार में बवाल, गांधी जी वाले वीडियो का सच पूछ रहे लोग

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement