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मोदी सरकार महिला आरक्षण लाई, लेकिन लागू कब होगा? ये ट्विस्ट जानना बहुत जरूरी

महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद से कई तरह की बातें की जा रही हैं. कोई कह रहा है कि बिल अभी लागू नहीं होगा. तो कोई जनगणना होने की बात पूछ रहा है. बिल को लेकर विपक्षी पार्टी कई सवाल खड़े कर रही हैं.

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women reservation bill not to be introduced now opposition slams central government
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 19 सितंबर को संविधान संशोधन (128वां) विधेयक 2023 पेश किया. (फोटो- PTI)
19 सितंबर 2023 (Updated: 19 सितंबर 2023, 20:16 IST)
Updated: 19 सितंबर 2023 20:16 IST
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लोकसभा (Lok Sabha) में महिला आरक्षण बिल (Women reservation bill) पेश कर दिया गया है. संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश किए गए इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक' भी कहा जा रहा है. बिल में संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. बिल पेश होने के बाद से कई तरह की बातें की जा रही हैं. कोई कह रहा है कि बिल अभी लागू नहीं होगा. तो कोई जनगणना होने की बात पूछ रहा है. बिल को लेकर विपक्षी दल कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

‘ये कुछ नहीं EVM- EVent Management है’

कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि महिला आरक्षण बिल अभी लागू नहीं होगा. कांग्रेस ने बताया कि बिल निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद ही लागू किया जाएगा. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया वेबसाइट X पर पोस्ट करते हुए लिखा,

“चुनावी जुमलों के इस मौसम में, ये सबसे बड़ा जुमला है. ये देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है. हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है. भारत G20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है.”

रमेश ने आगे बताया,

“अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी उसके बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा. ये जनगणना कब होगी? विधेयक में ये भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा? ये विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है. जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है. ये कुछ और नहीं बल्कि EVM- EVent Management है.”

जनता को ठगा जा रहा है!

बिल लागू न होने की बात आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से भी उठी. पार्टी ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि देश की जनता को कैसे ठगा जाता है, ये कोई मोदी जी से सीखे. पार्टी ने लिखा,

“मोदी जी ने आज संसद में महिला आरक्षण बिल तो पेश करा दिया मगर… अगर आप पूछेंगे कि चुनावों में आरक्षण मिलना कब शुरू होगा, तो ये बात मोदी जी ने साफ बताने से इंकार कर दिया है.”

पार्टी ने तंज कसते हुए कहा,

"जब तक कोई जनगणना और परिसीमन नहीं होता तब तक कोई आरक्षण नहीं मिलने वाला. ये मत पूछना कि जनगणना और परिसीमन कब तक होगा, क्योंकि इसका जवाब किसी को नहीं पता है… मोदी जी का नारा है, ‘महिला आरक्षण लाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे.’"

आम आदमी पार्टी ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार की नीयत होती तो 2024 चुनाव में ही लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण दे देते.

शगूफा छोड़ा गया है!

महिला आरक्षण बिल पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. राबड़ी देवी ने लिखा,

“OBC/EBC वर्ग की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला महिला आरक्षण बिल परिसीमन के बाद लागू होगा. परिसीमन जनगणना के बाद होगा.”

राबड़ी देवी ने आगे लिखा कि जातिगत जनगणना करवाने के दबाव में केंद्र ने जनगणना को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया है, मतलब बस ‘झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शगूफा छोड़ा’ गया है.

20 सितंबर को बिल पर बहस होगी

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 19 सितंबर को संविधान संशोधन (128वां) विधेयक 2023 पेश किया. इस बिल पर अब 20 सितंबर को बहस होगी.

जानिए इस बिल में क्या प्रावधान हैं:

1. संसद और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण.
2. महिला आरक्षण की समय सीमा 15 साल होगी. संसद में संशोधन के जरिये इस आरक्षण को बढ़ाया जा सकेगा.
3. इस आरक्षण के भीतर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को करीब एक तिहाई आरक्षण मिलेगा.

(ये भी पढ़ें: संसद में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, जानिए कानून बनने पर क्या बदलाव होंगे)

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