मछली खाने के बाद ऐसा संक्रमण फैला, डॉक्टरों को महिला के चारों हाथ-पैर काटने पड़े
महिला को मछली खाने से हुआ था खतरनाक इन्फेक्शन. पकाते वक्त एक गलती ने बर्बाद कर दी जिंदगी.
.webp?width=210)
मांसाहार के शौकीन लोग ये खबर ज्यादा गौर से पढ़ें, खास तौर पर मछली खाने वाले. क्योंकि खबर मछली खाने से ही जुड़ी है. देश-दुनिया में अलग-अलग प्रजातियों की मछलियां खाई जाती हैं. डॉक्टर और अन्य मेडिकल और हेल्थ एक्सपर्ट मछली भकोसने के कई फायदे बताते हैं. हम उन फायदों की लिस्ट नहीं गिनाने वाले. बल्कि एक चेतावनी के साथ मछली खाने की एक शौकीन महिला की कहानी बताने जा रहे हैं.
चेतावनी ये कि मछली खाते हैं तो अधपकी मछली खाने से बचें, ये आपको महंगा, बहुत महंगा पड़ सकता है. अमेरिका के कैलिफोर्निया की रहने वाली लॉरा बाराजस को ये गलती बहुत भारी पड़ी है. उन्होंने एक मछली खाई और अब वो अपने दोनों हाथ और दोनों पैर गंवा चुकी हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 40 वर्षीय लॉरा बाराजस ने तिलापिया प्रजाति की मछली खाई थी. लेकिन उन्होंने मछली को ठीक से पकाया नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक लॉरा ने अधपकी मछली ही खा ली थी जिसके बाद लॉरा एक बैक्टीरिया से बुरी तरह इन्फेक्टेड हो गईं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान डॉक्टरों को मालूम हुआ कि लॉरा के दोनों हाथ और पैर बैक्टीरिया से पूरी तरह संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें लॉरा की जान बचाने के लिए उनके सारे हाथ-पैर काट कर अलग करने पड़े.
मछली ने कैसे छीने हाथ-पैर?न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, लॉरा की दोस्त मेसिना ने बताया कि लॉरा सैन जोस के लोकल मार्केट से मछली खरीद कर लाई थीं. मछली को लॉरा ने खुद अपने घर पर पकाया था. मेसिना का कहना है कि मछली अधपकी हुई थी. उनके मुताबिक मछली खाने के बाद तक लॉरा ठीक थीं, लेकिन कुछ दिन बाद वो बीमार पड़ गईं. डॉक्टरों ने दवा देकर उन्हें ठीक करने की कोशिश की. लेकिन लॉरा कोमा में चली गई. उनकी उंगलियां, पैर और होंठ काले पड़ने लगे थे.
लॉरा की उस हालत को याद करते हुए मेसिना कहती है कि वो लगभग अपनी जान गंवा चुकी थी. इन्फेक्शन इतना गंभीर था कि लॉरा की किडनियां तक ख़राब हो रही थीं. ऐसे में करीब एक महीना अस्पताल में रहने के बाद लॉरा का ऑपरेशन करना पड़ा. उनकी जान तो बच गई, लेकिन संक्रमण ने उनका सबकुछ छीन लिया है.
खतरनाक है ये बैक्टीरियालॉरा को विब्रियो वल्निकस नाम के बैक्टीरिया से संक्रमण हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक ये बैक्टीरिया उसी तिलापिया मछली में मौजूद था जिसे लॉरा ने खाया था. मछली के ठीक से नहीं पकी होने के कारण वो जिंदा रह गया और मछली से लॉरा के शरीर में घुस गया.
अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी लगातार इस बैक्टीरिया के बारे में चेतावनी जारी करती रही है. सीडीसी का कहना है कि हर साल इस बैक्टीरिया से जुड़े 150 से 200 मामले सामने आते हैं. इसके संक्रमण से ग्रसित हर 5 व्यक्तियों में से 1 की मौत हो जाती है. सीडीसी का यह भी कहना है कि ऐसे अधिकतर संक्रमण कच्ची या अधपकी मछलियों या अन्य सीफूड खाने से होता है.
न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में अमेरिका की एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नताशा स्पोटिसवूड ने बताया, "आप कुछ ऐसा खाएं जो इस बैक्टीरिया से दूषित हो, या कोई कटा घाव या टैटू उस पानी के संपर्क में आ जाए जिसमें ये कीटाणु हो, तो आप संक्रमित हो सकते हैं.''
(ये ख़बर हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे अमृत राज झा ने लिखी है.)