मशहूर संगीतकार अखिलेश गुंदेचा, जिन्हें यौन शोषण के आरोपों के चलते शो से हटा दिया गया
जानिए क्या है ये पूरा मामला?
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पीली शर्ट में अखिलेश गुंदेचा बाएं. फोटो- ध्रुपद संस्थान की वेबसाइट से साभार.
पखावज वादक अखिलेश गुंदेचा. मशहूर कलाकार और नामी गुंदेचा बंधुओं में से एक. मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध तानसेन समारोह में उन्हें हिस्सा लेना था. लेकिन अब आयोजकों ने उनका नाम कार्यक्रम लिस्ट से हटा दिया है. उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप हैं. इसी को लेकर काफी विवाद हो रहा था. काफी लोग आपत्ति जता रहे थे. और अब मामला बढ़ता देख आयोजकों ने साफ कर दिया है कि इस चार दिवसीय कार्यक्रम में अखिलेश हिस्सा नहीं लेंगे.
मध्यप्रदेश में ग्वालियर के बेहाट में 16वीं शताब्दी के मशहूर संगीतकार तानसेन की कब्र है. वहीं शास्त्रीय संगीत का ये सालाना जलसा होता है. आयोजन उस्ताद अलाउद्दीन खान कला एवं संगीत एकेडमी और मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग मिलकर करते हैं. इसी कार्यक्रम में 28 दिसंबर को ध्रुपद संस्थान के छात्रों को हिस्सा लेना था. वही ध्रुपद संस्थान, जिसको गुंदेचा बंधु चलाते हैं.
गुंदेचा बंधु यानि उमाकांत गुंदेचा , रमाकांत गुंदेचा और अखिलेश गुंदेचा. रमाकांत की पिछले साल ही दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. उमाकांत, इस ध्रुपद संस्थान के प्रमुख हैं. एक विदेशी योग टीचर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए गुंदेचा बंधुओं पर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि वे अपनी एक मित्र के बारे में बता रही हैं जो अपना नाम सामने नहीं लाना चाहती. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश की एक छात्रा ने कहा कि वे उसको मैसेज भेजते थे और उसके लुक्स और सुंदरता की तारीफें किया करते थे. वे अक्सर अपने अकेलेपन की बातें करते थे. ये बातें सामने आने के बाद और भी कई छात्राओं ने कई बातें कही थीं. गुंदेचा बंधुओं पर आरोप लगाए थे.
यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद अक्टूबर में अखिलेश ने ध्रुपद संस्थान की सभी गतिविधियों से खुद को अलग कर लिया था. उन पर लगे आरोपों की जांच एक आंतरिक समिति भी कर रही है. तानसेन समारोह में अखिलेश गुंदेचा और जयपुर की ध्रुपद गायिका मधु भट्ट तैलंग को साथ में परफॉर्म करना था लेकिन मधु को जब अखिलेश पर लगे आरोपों के बारे में पता चला तो वह असहज हो गईं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर बातें चल निकलीं. शास्त्रीय गायक टीएम कृष्णा ने भी ट्वीट कर आपत्ति जताई.
https://twitter.com/tmkrishna/status/1342031538502823936
साल 2012 में गुंदेचा बंधुओं को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2017 में उन्हें संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड भी मिल चुका है. ध्रुपद, भारत के सबसे पुराने शास्त्रीय संगीत प्रारूपों में से एक है. और यूनेस्को ने ध्रुपद संस्थान को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा भी दिया हुआ है.
मधु भट्ट तैलंग ने कहा कि उन्हें अखिलेश पर लगे आरोपों के बारे में जानकारी नहीं थी. वे अखिलेश के साथ पहले भी कई बार परफॉर्म कर चुकी हैं. उन्होंने कहा,
"मामले की जांच अभी जारी है और ऐसे में उनके साथ परफॉर्म करने से ठीक मैसेज नहीं जाएगा. मैंने एकेडमी को पखावज वादक अंकित पारीख का नाम सुझाया है."मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी शिवशंकर शुक्ला ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. इसके अलावा तानसेन समारोह के प्रोग्राम मैनेजर नईम खान ने भी इस पर कमेंट करने से इंकार कर दिया.