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बगावत पर भड़के उद्धव बोले, 'बालासाहेब नहीं, अपने पिता के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं बागी'

शिवसेना ये सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के पास जाएगी कि बालासाहेब ठाकरे के नाम का दुरुपयोग ना हो.

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Uddhav Thackeray
Maharashtra के मुख्यमंत्री और Shisena प्रमुख Uddhav Thackeray. (फाइल फोटो)
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25 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:09 IST)
Updated: 28 जून 2022 12:09 IST
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महाराष्ट्र में गहराते जा रहे राजनीतिक (Maharashtra Political Crisis) संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री और शिवसेना (Shivsena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि बागी विधायक अपने फैसले ले सकते हैं, लेकिन किसी को बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो बागी विधायकों के फैसले में कोई दखल नहीं देंगे. उद्धव ठाकरे का बयान तब आया है, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के बागी विधायकों ने अपने समूह को 'शिवसेना बालासाहेब' कहने की बात कही है.

उद्धव ठाकरे ने मुंबई स्थित शिवसेना भवन में 25 जून को पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि आखिर बागी विधायक बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल क्यों करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनके अंदर हिम्मत है तो वो अपने पिता के नाम पर वोट मांगे और देखें कि उन्हें कितने वोट मिलेंगे.

चुनाव आयोग के पास जाएगी पार्टी

इधर शिवसेना की इस बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. जिसमें ये फैसला लिया गया कि पार्टी ये सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के पास जाएगी कि बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग ना हो. इस बैठक में कुछ और प्रस्तावों के पारित होने की बात कही जा रही है. मसलन, पार्टी को धोखा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार उद्धव ठाकरे के पास होगा. शिवसेना हमेशा बालासाहेब ठाकरे के रास्ते पर चलनी वाली पार्टी होगी और कभी भी मराठी अस्मिता का रास्ता नहीं छोड़ेगी. साथ ही साथ शिवसेना के सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर विश्वास है.

इससे पहले भी बागी एकनाथ शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे का नाम लिया था. बगावत के शुरुआती दिनों में शिंदे बार-बार कह रहे थे कि वो बालासाहेब ठाकरे के रास्ते पर चल रहे हैं.

इससे पहले 24 जून को शिवसेना के जिला स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक में भी उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि जब हिंदुत्व के नाम पर बीजेपी और शिवसेना को अछूत समझा जाता था और कोई भी बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहता था, तब बालासाहेब ने कहा था कि हिंदुत्व वोट्स का बंटवारा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के साथ बने रहे और आज उसका अंजाम भुगत रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि जिन्होंने हमें धोखा दिया है उनके पास बीजेपी में जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी बस शिवसेना को खत्म करना चाहती है.

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