'परदेसी परदेसी जाना नहीं' गाने वाली हीरोइन आज कल कहां हैं?
तीनों खानों के साथ फिल्म करने के बाद इंडस्ट्री ही छोड़ दी. इनकी कहानी सांप-सीढ़ी के खेल जैसी है.
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फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' के गाने 'परदेसी परदेसी' के एक सीन में कल्पना अय्यर.
'परदेसी परदेसी जाना नहीं' याद है? अरे 'राजा हिंदुस्तानी' वाली, जिसमें आमिर खान और करिश्मा कपूर ने काम किया था. फिल्म में इतना भारी-भरकम स्टारकास्ट होने के बावजूद, ये गाना उसके वीडियो में नज़र आने वाली एक्ट्रेस कल्पना अय्यर के लिए याद किया जाता है. कल्पना को जाना जाता है एक डांसर के तौर पर. उस डांस फॉर्म को कैबरे डांस, डांस नंबर और आज के समय में आइटम नंबर भी बुलाया जाता है. कल्पना ने 'सत्ते पे सत्ता', 'अरमान', 'अंजाम', 'राजा हिंदुस्तानी' और 'हम साथ साथ हैं' जैसी फिल्मों में काम किया. और फिर अचानक एक दिन सबकुछ छोड़-छाड़कर दुबई चली गईं. छोड़कर क्यों चली गईं, वो तो बाद की बात है. वो यहां तक पहुंची कैसे? इस सब की शुरुआत कहां से हुई थी? ये ज़्यादा ज़रूरी और दिलचस्प बातें.
शुरुआत कहां से हुई?
कल्पना को जब हम याद करते हैं, तब हमारे जहन में उनका कोई गाना ही आता है. जैसे- 'परदेसी-परदेसी', 'कोई यहां अहा नाचे-नाचे' या 'रंभा हो'. लेकिन इंट्रेस्टिंग बात ये कि कल्पना ने कभी डांस की कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली. बस स्कूल के फंक्शंस वगैरह में परफॉर्म किया करती थीं. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पैदा हुईं कल्पना जब 12 साल की थीं, तब एक कोरियोग्रफर की नज़र उन पर पड़ी. उन्होंने जाकर मशहूर सिंगर मुकेश को उनके बारे में बताया. मुकेश ने उनके घरवालों से परमिशन ली और कल्पना को अपने शोज़ में परफॉर्म करने के लिए साथ ले जाने लगे. यहां कल्पना के साथ दो चीज़ें हो रही थीं. पहली उन्हें पैसे मिल रहे थे, जिससे वो अपनी आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की मदद कर पा रही थीं. और दूसरी उन्हें वो करने का मौका मिल रहा था, जो वो करना चाहती थीं. डांस. धीरे-धीरे उनका नाम बड़ा होने लगा और जिसके बाद वो किशोर कुमार और कल्याणजी-आनंदजी के शोज़ में भी परफॉर्म करने लगीं.
उनके गाने 'परदेसी परदेसी' का वीडियो यहां देखें:
मिस वर्ल्ड बनते-बनते रह गईं
कॉलेज खत्म करने के बाद कल्पना ने ओबेरॉय ग्रुप का होटल जॉइन कर लिया. कुछ दिन तक एक फोटोग्रफर की असिस्टेंट भी रहीं. लेकिन काम शुरू हुआ 1975 में, जब उन्होंने फेमिना के एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया. यहां वो दूसरे नंबर पर रहीं. कल्पना लोगों की नज़र में बड़ी आसानी से आ जाती थीं. उनका लक फैक्टर यहां भी काम कर गया. तब फेमिना की एडिटर रहीं विमला पाटिल को कल्पना में कुछ दिख गया. वो उन्हें मॉडलिंग के लिए ट्रेन करने लगीं. कुछ ही दिन में कल्पना बड़ी मॉडल बन गई थीं. मशहूर फैशन शोज़ में हिस्सा ले रही थीं. देश के टॉप लोगों के साथ काम कर रही थीं. 1978 में कल्पना ने मिस वर्ल्ड कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और सेमी-फाइनल (टॉप 15) तक पहुंचीं. यही वो समय था जब उनके लिए चीज़ें बदलनी शुरू हुईं. अब उन्हें फिल्में भी ऑफर होने लगी थीं.
फिल्म 'डिस्को डांसर' के गाने 'यहां नाचें-नाचें' आप नीचे क्लिक कर देख सकते हैं:
जब सामने से देव आनंद ने फिल्म ऑफर की
मिस वर्ल्ड खत्म कर लंदन से वापस लौटने के बाद कल्पना को एक फोन आया. ये फोन राजश्री प्रोडक्शन से था. वो उनके साथ अपनी अगली फिल्म में काम करना चाहते थे. फिल्म थी 'मनोकामना' और हीरो थे राज किरण. इस फिल्म की शूटिंग अभी चल ही रही थी कि पता चला देव आनंद कल्पना से मिलना चाहते हैं. लोगों ने कहा देव साहब ने बुलाया है, जाओ मिलकर तो आओ. कल्पना चली गईं. वहां पहुंचते ही देव आनंद ने पूछा क्या तुम मेरी फिल्म में डांस करोगी. कल्पना ने हिचकिचाहट के साथ जवाब दिया कि वो इस फिल्म लीडिंग हीरोइन का रोल कर रही हैं. लेकिन बाद उन्होंने वो गाना कर लिया. फिल्म थी 'लूटमार' (1980) और गाना था 'जब छाए मेरा जादू'.
वो गाना आप नीचे सुन सकते हैं:
तीनों खानों के साथ काम किया और फिर इंडस्ट्री छोड़ दी
वैसे तो कल्पना ने कई फिल्मों में छोटे-बड़े किरदार निभाए हैं. लेकिन फिल्म 'अंजाम' को उनकी एक्टिंग परफॉर्मेंस के लिए याद किया जाता है. फिल्म में उन्होंने जेल के गार्ड-वॉर्डन का रोल किया था, जो बहुत क्रूर है. उनके इस परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हुई. इसके बाद 'राजा हिंदुस्तानी' के गाने 'परदेसी परदेसी' में नज़र आईं, जो कल्ट हो गया. और वो आखिरी बार नज़र आई फिल्म 'हम हम साथ हैं' में. कमाल की बात ये कि उनकी पहली फिल्म भी राजश्री के साथ थी और आखिरी भी. फिल्मों के अलावा वो टीवी में भी काफी एक्टिव थीं. उन्होंने 'चंद्रकांता' (1994), 'बनेगी अपनी बात' (1994), और 'गुब्बारे' (1999) जैसे 75 टीवी शोज़ में भी काम किया. और फिर एक दिन सबकुछ छोड़-छाड़कर दुबई चली गईं.
उषा उत्थुप की आवाज़ कल्पना पर खूब सूट करती थी. उन दोनों की जुगलबंदी यहां देखिए:
बना-बनाया करियर क्यों छोड़ दिया?
अपने एक इंटरव्यू में कल्पना बताती हैं कि वो उस दौरान बहुत दुखी थीं. वजहें कुछ पर्सनल थीं. उन्हें लग रहा था कि उनकी वजह से उनका परिवार परेशान हो रहा है. इसलिए वो अपना करियर, शहर, परिवार सब कुछ छोड़कर दुबई चली गईं. दुबई में उनके एक जानकार ने उन्हें एक बड़े होटल में होस्टेस का काम दिलवा दिया. इसके बाद से वो लगातार हॉस्पिटैलिटी के ही बिज़नेस में हैं. उन्होंने कभी शादी नहीं की और अब अपने इस फैसले पर पछतावा करती हैं. अमज़द खान और कल्पना का नाम बार-बार जोड़ने की कोशिश की जाती है. कई रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि उन्होंने मुंबई भी अमज़द खान की वजह से छोड़ी और शादी भी उन्हीं की वजह से नहीं की. लेकिन इस तरह की खबरों में एक चीज़ की बड़ी कमी होती है. सच्चाई. इन पर भरोसा इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि अमज़द खान की डेथ 1992 में ही हो गई थी, जबकि कल्पना ने मुंबई 1999 में छोड़ा. इन दोनों मामलों में कहीं से कोई कड़ी आपस में जुड़ती नहीं दिखाई देती. लेकिन इन खबरों को सिरे से खारिज़ भी नहीं किया जा सकता.

कल्पना 60 पार कर चुकी हैं, बावजूद इसके उनका काम करना ज़ारी है.
आज कल क्या कर रही हैं?
काम की तलाश. 3 अगस्त, 2019 को कल्पना ने अपने इंस्टाग्रैम अकाउंट पर एक पोस्ट डाला. इसमें उन्होंने लिखा कि बीते जून महीने तक उनके पास नौकरी थी. लेकिन अब वो बिलकुल फ्री हैं. और नई चीज़ें करना चाहती हैं. बेसिकली कल्पना अपने लिए लोगों से काम मांग रही हैं. वो सिनेमा समेत किसी भी क्षेत्र में काम करने को तैयार हैं. अभी कुछ ही दिन पहले एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने भी इंस्टाग्रैम पर लोगों से काम मांगा था. और उन्हें 'बधाई हो' में जानदार रोल मिला. और अब वो लगातार काम कर रही हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हमारी 'परदेसी परदेसी' गर्ल के साथ भी कुछ ऐसा ही हो जाए.
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