S-500 से लेकर सुखोई-57 तक... पुतिन के भारत दौरे पर इन 10 सौदों पर रहेगी दुनिया की नजर
Putin India Visit: दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते होने की उम्मीद है. इसमें ट्रेड, हेल्थ, एग्रीकल्चर, मीडिया और कल्चरल एक्सचेंज से जुड़े समझौतों से लेकर डिफेंस डील की घोषणाएं की जा सकती हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) पहली बार भारत आ रहे हैं. उनकी यह यात्रा कई मायनों में खास होने वाली है. पूरी दुनिया की निगाहें उनकी इस यात्रा पर टिकी हुई है. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते होने की भी उम्मीद है. इसमें ट्रेड, हेल्थ, एग्रीकल्चर, मीडिया और कल्चरल एक्सचेंज से जुड़े समझौतों से लेकर डिफेंस डील की घोषणाएं की जा सकती हैं.
पुतिन गुरुवार, 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे. उनकी यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के निवास पर प्राइवेट डिनर से होगी. इसके बाद अगले दिन पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएंगे. फिर दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और पुतिन 23वें रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसके बाद रूसी राष्ट्रपति भारत मंडपम में आयोजित इंडिया-रशिया बिजनेस फोरम में शामिल होंगे.
शुक्रवार, 5 दिसंबर की शाम को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में राजकीय भोज आयोजित करेंगी. इसमें शामिल होने के बाद पुतिन वापस रूस के लिए रवाना हो जाएंगे.
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कई अहम समझौतों की उम्मीदNDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों की भी उम्मीद है.
- सुखोई-57 लड़ाकू विमान: भारत 5th जेनरेशन के फाइटर जेट खरीदने की प्रक्रिया में है. डिफेंस पोर्टल Army Recognition के मुताबिक रूस ने भारत को SU-57-E की सप्लाई, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लाइसेंस-निर्माण का प्रस्ताव दिया है. मतलब शुरुआत में रूस से, बाद में भारत की फैक्ट्री (HAL Nashik) में बन सकते हैं.
- सुखोई-30 का मॉडर्नाइजेशन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के बीच सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा हो सकती है. सशस्त्र बलों की शिकायत रही है कि रूस से अहम पुर्जों और उपकरणों की आपूर्ति में लंबा समय लगता है. बातचीत के दौरान यह मुद्दा भी उठ सकता है.
- S-500 डिफेंस सिस्टम: भारत रूस से नई पीढ़ी के S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर सकता है. S-500 को हाइपरसोनिक मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, स्टेल्थ विमान, तेजी से उड़ने वाले लक्ष्यों को इंटरसेप्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी रेंज S-400 से ज्यादा है.
- S-400 की नई खेप: रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की नई खेप खरीदने पर भी विचार किया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 की खूब चर्चा हुई थी.
- रक्षा संबंधों का विस्तार: पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बैठक में भारत-रूस के रक्षा संबंधों की समीक्षा होने की उम्मीद है. दोनों देश पहले से मजबूत रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाना चाहेंगे. यूक्रेन युद्ध पर भी बात हो सकती है.
- व्यापारिक संबंधों में नई ऊंचाई: रूस भारत के साथ व्यापार को अगले 5 साल में 100 अरब डॉलर तक ले जाना चाहता है. रूस का लक्ष्य है कि अमेरिका जैसे देश इन संबंधों को प्रभावित न कर पाएं.
- लोकल करेंसी में व्यापार: दोनों देश अपनी लोकल करंसी में व्यापार करने पर भी विचार कर सकते हैं, ताकि डॉलर पर निर्भरता कम हो और रूस पर लगने वाले अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम किया जा सके.
- रूस में भारतीय निर्यात: बैठक में भारत के इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स का रूस में निर्यात बढ़ाने पर जोर रहेगा. रूस भारत से खाद्य उत्पाद, समुद्री सामान, डिजिटल सेवाएं और दवाइयां ज्यादा खरीदना चाहता है.
- रूसी तेल की खरीद: रूसी तेल की खरीद पर भी बात होगी. पुतिन के साथ रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और गैजप्रोमनेफ्ट के प्रमुख भी आ रहे हैं, इसलिए तेल सौदे पर चर्चा तय है.
- इन सौदों पर भी नजर: रूस 10 लाख भारतीय कुशल कर्मचारियों को नौकरी देना चाहता है. इसके लिए लेबर मोबिलिटी समझौता हो सकता है. ऊर्जा, जलवायु, नई ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और शिक्षा से जुड़े कई समझौते भी आगे बढ़ सकते हैं.
पुतिन की भारत यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है. ऐसे में दोनों देशों के बीच जो भी समझौते होते हैं, उन पर चर्चा भी जमकर होगी.
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