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काशी में रातोंरात मस्जिद को गेरुए रंग में रंगे जाने पर मुस्लिम समुदाय ने क्या कहा?

पीएम मोदी 13 दिसंबर को वाराणसी जा रहे हैं

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VDA ने बुलानाला मस्जिद पर गेरुए रंग की पुताई कर दी (आजतक)
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आयूष कुमार
7 दिसंबर 2021 (Updated: 7 दिसंबर 2021, 10:33 AM IST)
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काशी (Varanasi) में विश्वनाथ मंदिर कॉरिडर का काम लगभग पूरा हो चुका है. 13 दिसंबर को पीएम इसका लोकार्पण भी करने वाले हैं. इसी बीच एक अजीबो-गरोब मामला सामने आया है. यहां के बुलानाला इलाके में स्थित एक मस्जिद को वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने हल्के 'गेरुआ' रंग से रंगवा दिया है. यही नहीं, इलाके की दुकानों और घरों को भी इसी रंग से पोत दिया गया है. VDA की इस हरकत से मुस्लिम समुदाय नाराज है, उसने VDA पर तानाशाही का आरोप लगाया है. रातोंरात बदल दिया गया रंग आजतक के रिपोर्टर रोशन जायसवाल के मुताबिक मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के मोहम्मद एजाज इस्लाही ने बताया कि उनकी मस्जिद का रंग रातोंरात बदल दिया गया. अगर प्रशासन को इस तरह का कुछ करना भी था, तो पहले एक बार उनसे बात कर लेनी चाहिए थी.
मोहम्मद एजाज ने कहा,
"इस हरकत से मुस्लिम समुदाय में बहुत नाराजगी है, लेकिन अब माहौल ही कुछ ऐसा है कि बोला नहीं जा सकता. पीएम मोदी कॉरिडोर का उद्घाटन करने आ रहे हैं और ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि इलाके के सारे लोग उनके साथ हैं, लेकिन ऐसा है नहीं."
मोहम्मद एजाज के अनुसार उन्होंने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई है और वाराणसी के डीएम से मिलने की कोशिश भी की है, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यालय में भी उन्होंने यह मामला उठाया है.

इमारतों पर पुताई करता कारीगर (आजतक)
                                              इमारतों पर पुताई करता कारीगर (आजतक)

मस्जिद का रंग साजिश के तहत बदला गया अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी सैयद मोहम्मद यासीन ने आरोप लगाया है कि मस्जिद का रंग साजिश के तहत बदला गया है. आजतक से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
"इस इलाके में दो मस्जिदें, एक मज़ार और एक कब्र है. अगर उन्हें भी रंगा जाता तो काफी भयावह स्थिति पैदा हो जाती. यहाँ इसी रास्ते पर एक गुरुद्वारा भी पड़ता है, उसे तो नहीं रंगा गया, हम खुश हैं कि गुरुद्वारे को नहीं रंगा गया. हमारी मस्जिदों का रंग ज्यादातर सफेद और हरा होता है...लेकिन फिर भी इसको जोगिया रंग से मिलते-जुलते रंग से रंग दिया गया. हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई है और हमारी आवाज सुनी भी गई है. हमें ये आश्वासन दिया गया है कि मस्जिद को वापस सफेद रंग से रंग दिया जाएगा."
आसपास के लोग भी नाराज आजतक ने मस्जिद के पास ही स्थित एक दुकान के मालिक धीरज अग्रवाल से भी बात की. धीरज भी VDA द्वारा की गई पुताई को लेकर नाराज दिखे. वे कहते हैं,
"हमारी दुकान को भी मनमाने ढंग से रंग दिया गया. प्रदेश की हालत वैसी ही है, जैसे जिसकी लाठी उसकी भैंस. जानबूझकर बनारस के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है, यहाँ की गंगा-जमुनी तहजीब को खराब करने की कोशिश हो रही है. मस्जिद पर भी रंग रोगन कर दिया गया." 
गेरुए रंग में रंगी काशी की सड़के
                                              गेरुए रंग में रंगा काशी का बाजार (आजतक)

बस एकरूपता लाने की कोशिश की: VDA रंग रोगन की जिम्मेदारी निभाने वाले वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने आजतक को बताया कि रंग रोगन सिर्फ इसलिए किया जा रहा है जिससे एकरूपता आ सके. सुनील वर्मा ने बताया,
"काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तैयारियों के अलावा ये भी कोशिश की जा रही है कि विभिन्न मार्गों का सौंदर्यीकरण भी हो जाए...हमने पहले कई इमारतों को रंगा था और हमारा ये प्रयोग काफी अच्छा रहा. अब हम इसी तर्ज पर मैदागिन इलाके से लेकर गोदौलिया इलाके तक ऐसा करवा रहे हैं."
इस दौरान गेरुए रंग से रंगाई कराने को लेकर भी VDA सचिव सुनील कुमार ने जवाब दिया. उन्होंने कहा,
"बनारस की ज़्यादातर इमारतें चुनार के लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं. इसका रंग हलका पिंक जैसा है. बस हम भी इसी को ध्यान में रखकर इमारतों पर ये रंग करवा रहे हैं, ताकि पूरे इलाके में एकरूपता और सुंदरता आ सके."
मस्जिद को गेरुआ से रंगवाने को लेकर सुनीकुमार का कहना है कि अभी उनके पास इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं आई है. उनके मुताबिक काशी सहिष्णुता और सर्वधर्म का भी संदेश देती आई है और कोई रंग किसी धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है.

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