‘भारत को सज़ा नहीं देना चाहते, लेकिन...’ रूस से तेल खरीद पर क्या बोले अमेरिकी ऊर्जा सचिव
US Energy Secretary Chris Wright: राइट का मानना है कि अमेरिका की तरह भारत भी युद्ध खत्म कराना चाहता है. उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, अमेरिका का एक शानदार सहयोगी, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक गतिशील समाज है बताया.

रूस से तेल (Russian Oil India) खरीदने को लेकर डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके विश्वस्त समय-समय पर भारत की आलोचना करते रहते हैं. अब इसमें एक नाम और जुड़ गया है. अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट (US Energy Secretary Chris Wright) ने कुछ नरम अंदाज में भारत से रूस के तेल खरीदने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. उनका कहना है कि अमेरिका भारत तो सजा नहीं देना चाहता. भारत के पास तेल खरीदने के कई सारे वैकल्पिक स्रोत हैं.
न्यूयॉर्क के फॉरेन प्रेस सेंटर में मीडिया से बातचीत के दौरान राइट ने कहा,
“दुनिया में बहुत सारे देश हैं जो तेल बेच रहे हैं. भारत को रूस से तेल खरीदने की जरूरत नहीं है. भारत रूसी तेल इसलिए खरीदता है क्योंकि यह सस्ता है. कोई भी रूसी तेल नहीं खरीदना चाहता, यही वजह है कि वे डिस्काउंट पर इसे बेचने को मजबूर हैं. एक ऐसा देश जो हर हफ्ते हजारों लोगों की हत्या कर रहा है, ऐसे देश से तेल खरीदने का भारत का फैसला इस मुद्दे से नजरें फेर लेने जैसा है.”
अमेरिका के एनर्जी सेक्रेटरी राइट ने आगे कहा,
“आप दुनिया के हर देश से तेल खरीद सकते हैं, बस रूसी तेल नहीं. यही हमारी राय है. अमेरिका के पास बेचने के लिए तेल है, और बाकी सभी के पास भी. हम भारत को सजा नहीं देना चाहते. हम युद्ध खत्म करना चाहते हैं और हम भारत के साथ अपने रिश्ते बढ़ाना चाहते हैं…”
राइट ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका की तरह भारत भी युद्ध खत्म कराना चाहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका, भारत को ग्लोबल एनर्जी बिज़नेस में एक “शानदार सहयोगी” और प्रमुख साझेदार के रूप में देखता है. साथ ही भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहता है.
राइट ने भारत के साथ अमेरिका नेचुरल गैस, कोयला, न्यूक्लियर एनर्जी जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा,
“मैं भारत का बहुत बड़ा फैन हूं. हम भारत से प्यार करते हैं. हम भारत के साथ और अधिक ऊर्जा व्यापार की उम्मीद करते हैं.”
अपने शुरुआती कार्यकाल का जिक्र करते हुए राइट ने बताया कि जब इस पर आए थे तो उनका ज्यादातर समय भारत के साथ काम करने में बीता. उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, अमेरिका का एक शानदार सहयोगी, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक गतिशील समाज है बताया.
वीडियो: तेल खरीदने पर भारत की तारीफ में क्या बोला रूस?