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अमेरिका का कड़ा कदम: भारतीय बिजनेस एक्ज़िक्यूटिव के वीज़ा रद्द, ड्रग्स तस्करी का आरोप

US Embassy ने जिन लोगों के खिलाफ ये कार्रवाई की है, उनके परिवार के सदस्य भी अब अमेरिका जाने के लिए अयोग्य हो सकते हैं.

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Donald Trump
दूतावास ने भारतीय व्यवसायियों के वीजा रद्द कर दिए हैं. (फाइल फोटो: एजेंसी)
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रवि सुमन
19 सितंबर 2025 (Updated: 19 सितंबर 2025, 08:52 AM IST)
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दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy) ने कहा है कि उसने कुछ बिजनेस एक्जिक्यूटिव और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए हैं. इन व्यवसायियों को आगे भी वीजा देने से इनकार कर दिया गया है. दूतावास का कहना है कि कथित रूप से ये लोग फेंटानिल (Fentanyl) बनाने वाले रसायनों की तस्करी से जुड़े हैं. अमेरिकी दूतावास की ओर से न तो इस मामले से जुड़े व्यक्तियों के नाम बताए गए हैं और न ही कंपनियों के.

फेंटानिल बहुत तेज असर करने वाली ओपिऑइड दवा (दर्द निवारक) है, जिसे अमेरिका में फैली नशे की लत के लिए जिम्मेदार माना जाता है. डॉनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने फेंटानिल की अवैध तस्करी पर सख्त कार्रवाई शुरू की है और कुछ देशों के मामले में इसे टैरिफ में बदलाव से भी जोड़ा है. 18 सितंबर को जारी बयान में अमेरिकी दूतावास ने कहा,

अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों से सुरक्षित रखने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी में संलिप्तता के आधार पर कुछ व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेतृत्व के वीजा रद्द कर दिए हैं और बाद में उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया है.

जिन लोगों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है, उनके परिवार के सदस्य भी अब अमेरिका जाने के लिए अयोग्य हो सकते हैं. दूतावास ने अपने बयान में कहा है,

ये कार्रवाई आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 221(i), धारा 212(a)(2)(C), और 214(b) के तहत की गई है. इस निर्णय के परिणामस्वरूप, ये व्यक्ति और उनके परिवार के करीबी सदस्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं. दूतावास उन कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को भी सूचित कर रहा है, जो फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी के लिए जानी जाती हैं और जब वो अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करेंगे, तो उनकी कड़ी जांच की जाएगी.

ट्रंप ने भारत को ड्रग्स तस्करी वाला देश बताया

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 17 सितंबर को भारत, चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत 23 देशों को ‘ड्रग्स तस्करी करने वाले या नशीली दवाओं का उत्पादन करने वाले देशों की सूची' में डाला. अमेरिकी सदन में पेश किए गए एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि ये देश अवैध दवाओं और रसायनों का निर्माण और तस्करी करके अमेरिकी लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं.

इन 23 देशों में अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, बर्मा, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, एल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, भारत, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू और वेनेजुएला शामिल हैं.

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इस लिस्ट में शामिल होने का क्या मतलब है?

हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ये स्पष्ट किया कि किसी देश का इस सूची में होना ये साबित नहीं करता कि वो अमेरिका के साथ सहयोग नहीं कर रहा. ये सूची इसलिए बनाई जाती है क्योंकि भौगोलिक और आर्थिक कारणों से इन देशों से ड्रग्स और रसायनों की आवाजाही होती है. सरकार की ओर कड़े नियंत्रण और कानून लागू करने के बाद भी ऐसा होता है.

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