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'घर तोड़े, लिंचिंग की... ' अमेरिकी आयोग ने भारत की जमकर आलोचना की, पूरी रिपोर्ट जारी कर दी

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मुद्दों पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट का दावा है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति 2024 में लगातार बदतर होती जा रही है. खासकर देश में राष्ट्रीय चुनाव होने से पहले और तुरंत बाद के महीनों में. और क्या लिखा है इस रिपोर्ट में?

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us commission report accused indian govt of repressing restricting minorities discriminatory laws
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार बिगड़ रही है! (सांकेतिक फोटो- PTI)
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ज्योति जोशी
3 अक्तूबर 2024 (Updated: 3 अक्तूबर 2024, 03:28 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर भारत पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है. इसमें भारत की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं (US controversial report on India). कहा गया है कि यहां अल्पसंख्यकों पर भेदभाव वाले कानून थोपे जाते हैं. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इन कानूनों के जरिए भारतीय सरकार अल्पसंख्यक समुदायों का दमन कर रही है और उनपर कई तरह के प्रतिबंध लगा रही है.

ये रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मुद्दों पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने तैयार की है. रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), समान नागरिक संहिता (UCC), राज्यों में धर्मांतरण का विरोध और गोहत्या विरोधी कानून का जिक्र किया गया है. साथ ही कहा गया है कि इन कानूनों का मकसद भारत में अल्पसंख्यकों को टारगेट करना और उन्हें मताधिकार से वंचित रखना है. 

रिपोर्ट में आगे लिखा है,

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति 2024 में लगातार बदतर होती जा रही है. खासकर देश में राष्ट्रीय चुनाव होने से पहले और तुरंत बाद के महीनों में. लोगों को मारा गया, पीटा गया और लिंचिंग की गई. धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया. घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया. ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हैं. भारत सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून, गोहत्या कानून और आतंकवाद विरोधी जैसे कानून लागू करके धार्मिक समुदायों का दमन कर रही है. 

आगे लिखा गया,

भारत के अधिकारियों ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को उजागर करने वाले लोगों को उचित प्रक्रिया के बिना, मनमाने ढंग से हिरासत में लिया है जिनमें धार्मिक नेता, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं. कुछ केसों में उन्हें सालों तक हिरासत में रखा गया. भारतीय अधिकारियों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए बार-बार अपमानजनक बयानबाजी और गलत जानकारी का इस्तेमाल किया है.

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फोटो- uscirf.gov

CAA को लेकर रिपोर्ट में लिखा गया है,

मानवाधिकार की वकालत करने वाले लोगों का तर्क है कि NRC और CAA मिलकर भारत सरकार को उन लोगों को निष्कासित करने की अनुमति दे देगा जिन्हें वो गैर-नागरिक ठहराएगा. इससे देश की मुस्लिम आबादी के लिए विशेष खतरा पैदा होता है. 

ये भी पढ़ें- भारत आए मलेशिया के PM ने अल्पसंख्यकों का मुद्दा छेड़ सरकार को क्या सलाह दे दी?

रिपोर्ट के आखिर में अमेरिकी विदेश विभाग से सिफारिश की गई है कि वो भारत को गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों में शामिल होने के लिए ‘विशेष चिंता वाले देश' के तौर पर नामित करे. USCIRF ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार से नीतिगत उपाय करने की भी सिफारिश की है. 

खबर लिखे जाने तक इस रिपोर्ट पर भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

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