यूपी: फतेहपुर में 'DM की गाय' के लिए लगाई डॉक्टरों की फौज, वो बोलीं- मेरे पास गाय ही नहीं
लेटर में लिखा था कि डीएम महोदया की गाय का इलाज करना है. इसके अलावा एक डॉक्टर की ड्यूटी इसलिए लगाई गई कि वो डीएम को उनकी गाय के बारे में हर रोज सुबह शाम जानकारी दे. यही नहीं, अगर कोई डॉक्टर गाय को देखने नहीं जा पा रहा है, तो उसके लिए भी अलग डॉक्टर की व्यवस्था की गई.
यूपी के फतेहपुर में एक सरकारी लेटर वायरल हो रहा है. इस लेटर में जानवरों के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी. और ड्यूटी लगाई थी डीएम मैडम की कथित गाय की देखभाल में. क्योंकि लेटर के हिसाब से डीएम मैडम की कथित गाय बीमार थी. सोशल मीडिया पर वायरल लेटर में अलग-अलग डॉक्टर्स की ड्यूटी अलग-अलग दिन के हिसाब से लगाई गई थी.
लेटर में लिखा था कि डीएम महोदया की गाय का इलाज करना है. इसके अलावा एक डॉक्टर की ड्यूटी इसलिए लगाई गई कि वो डीएम को उनकी गाय के बारे में हर रोज सुबह शाम जानकारी दे. यही नहीं, अगर कोई डॉक्टर गाय को देखने नहीं जा पा रहा है, तो उसके लिए भी अलग डॉक्टर की व्यवस्था की गई. साथ में अंत में एक लाइन और लिखी थी कि उक्त कार्य में शिथिलता अक्ष्म्य है. माने अगर किसी डॉक्टर ने डीएम की गाय के इलाज में कोताही बरती, तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.
इस लेटर पर कार्यालय मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, फतेहपुर लिखा है. इस बारे में अपर मुख्य पशु अधिकारी ने बताया कि ये लेटर ऑफिस के ग्रुप में शेयर किया गया था. लेकिन किसी ने लेटर को वायरल कर दिया.
सोशल मीडिया पर लेटर वायरल होते ही फतेहपुर डीएम और पशुचिकित्सा विभाग पर सवाल उठने लगे. इस बीच डीएम ने बयान दिया है. और उनका बयान भी चौंकाने वाला है. आजतक के जुड़े नीतीश श्रीवास्तव से बातचीत में फतेहपुर की डीएम अपूर्वा दुबे ने कहा,
ना तो मैंने कोई गाय पाली है ना ही मुझे इस बारे में कोई जानकारी है. इस लेटर को मेरी छवि खराब करने के इरादे से वायरल किया गया है. चिकित्सा अधिकारी ने खुद ही लेटर जारी किया और अगले दिन खुद ही उसे निरस्त कर दिया. इस मामले में मुख्य पशु चिकित्सक और डिप्टी पशु चिकित्सक के खिलाफ निलंबन के लिए पत्र लिख दिया है.
इस मामले में मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है. आजतक से जुड़े नीतीश श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, फतेहपुर के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी फिलहाल मेडिकल लीव पर हैं.
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