लखीमपुर खीरी: 8 लोग मृत, किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के आरोपी सांसद पुत्र ने क्या कहा?
यूपी की राजनीति में जबर्दस्त उबाल.
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लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के आशीष मिश्रा (राइट) पर आरोप है कि उन्होंने कार से किसानों को कुचल दिया. (फोटो पीटीआई/एएनआई)
3 अक्टूबर. यूपी के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) का तिकुनिया इलाका. डिप्टी सीएम केशव मौर्य के कार्यक्रम से पहले बवाल हो गया. अब तक 8 लोगों की मौत की खबर है. इनमें से चार की मौत कथित तौर पर किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने से हुई. बाकी 4 की जान उसके बाद हुई हिंसा में गई. इसे लेकर सवालों के घेरे में हैं लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा. किसानों ने आशीष मिश्रा के ऊपर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है. हालांकि अजय मिश्रा का दावा है कि घटनास्थल पर न तो वो और न ही उनका बेटा मौजूद था. इस बीच किसानों की तरफ से आशीष मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करा दी गई है.
केंद्रीय मंत्री ने समाज विरोधी तत्वों पर लगाया आरोप भले ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के खिलाफ FIR दर्ज हो गई हो, लेकिन वो सभी आरोपों को खारिज कर रहे है. अजय मिश्रा इस बात से भी इंकार कर रहे हैं कि जो गाड़ी किसानों के ऊपर चढ़ाई गई, उसे उनका बेटा चला रहा था. आजतक से बातचीत में उन्होंने कुछ समाज विरोधी तत्वों पर ऐसा करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि वो खुद एक किसान हैं. ऐसा क्यों करेंगे. अजय मिश्रा टेनी ने आजतक को बताया कि "हमारे कार्यकर्ता मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए वहां गए हुए थे. उसी समय कुछ शरारती तत्वों ने काफिले पर हमला कर दिया. इसके चलते गाड़ी का चालक घायल हो गया और वह कार पर नियंत्रण खो बैठा." उन्होंने अपने बेटे पर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए आजतक से कहा कि,Farmers lodge complaint against Union Minister of State for Home, Ajay Mishra Teni and his son Ashish Mishra Teni in Tikunia, Lakhimpur Kheri over yesterday's incident
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021
"कार्यक्रम ओपन एरिया में हो रहा था. हजारों लोग मौजूद थे. इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी थे. मेरा बेटा वहां 11 बजे से मौजूद था और कार्यक्रम खत्म होने तक वो वहीं रहा."टेनी ने यह दावा भी किया कि शरारती तत्वों ने पथराव किया और आगजनी की. उन्होंने कहा कि
"कुछ शरारती तत्व किसानों के प्रदर्शन में घुसे. घटना के बाद उनकी पहचान सामने आई है. वे रोनपाड़ा और बहराइच इलाके के हैं. इन लोगों के पथराव किया और गोलियां चलाईं. यहां तक कि इन लोगों ने बीजेपी के 4 कार्यकर्ताओं को भी मार दिया. हमारे कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटा गया."केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम लोगों को क्यों भड़काएंगे, यह सामान्य कार्यक्रम था. हमें इससे कोई लेना-देना नहीं था. यह जो कुछ भी हुआ है, शरारती तत्वों के चलते हुआ है. उन्होंने कहा कि
"प्रदर्शन के आयोजकों ने प्रशासन को आश्वासन दिया था कि विरोध शांतिपूर्ण होगा. लेकिन जैसा हुआ, यह बिल्कुल लाल किले पर हुई घटना से मिलता जुलता है. मैं इस तथ्य से दुखी हूं कि लोगों की जान गई. मैं चाहता हूं कि जो लोग इस विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, वो ऐसे असामाजिक तत्वों से सावधान रहने का संदेश दें, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं."राजनीतिक आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह 10 दिनों से घटनास्थल पर नहीं गए थे. जहां तक मेरे बेटे के वहां होने का सवाल है, तो वह कार्यक्रम में हजारों लोगों के सामने मौजूद था. फोटो और वीडियो साक्ष्य है. इसके बावजूद किसान अपनी फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजना चाहती है तो उनका स्वागत है.
उन्होंने गाड़ियों को सड़क से नीचे खाई में धक्का दिया। उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई, तोड़फोड़ की। मेरा बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं(कार्यक्रम स्थल) था, उन्होंने जिस तरह से घटनाएं की हैं अगर मेरा बेटा वहां(घटनास्थल पर) होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते: अजय मिश्रा टेनी — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2021केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने आजतक से कहा कि
"मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह नौ बजे से बनवारीपुर में था. मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. हमारी 3 गाड़ियां एक कार्यक्रम के लिए उप-मुख्यमंत्री की अगवानी करने गई थीं. रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे 3-4 कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा.''प्रियंका गांधी वाड्रा हिरासत में लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत की खबर के बाद यूपी की राजनीति गरमा गई. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया और किसानों के प्रति हमदर्दी जताई. नेता लखीमपुर खीरी की तरफ निकल पड़े. हालांकि पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी रविवार 3 अक्टूबर की रात भर पुलिस को छकाने के बाद सुबह लगभग 5:30 बजे हरगांव थाना क्षेत्र इलाके में हिरासत में ले ली गईं. वो मृतकों के परिजनों से मिलने जा रही थीं. प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने की कोशिश रात 12 बजे से ही शुरू हो गई थी. रात 12:00 से प्रियंका गांधी और प्रशासन के बीच शुरू हुआ लुका छुपी का खेल सुबह 5:30 तक चला. आखिर में उन्हें हिरासत में लेकर सीतापुर के सेकंड बटालियन गेस्ट हाउस में रखा गया है. हिरासत में लिए जाने से पहले ख़ुद को लखीमपुर खीरी जाने से रोके जाने और बिना वारंट जबरन पुलिस की गाड़ी में बिठाए जाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी यूपी पुलिस पर जमकर बरसीं.#WATCH | "...Some unruly elements attacked our workers, killed 4-5 of them. I was in Banbirpur from 9 am till the end...I have not been at (incident) spot for 2 days...It could be that they don't like me & using politics...," said Ashish Mishra, son of MoS Home Ajay Mishra pic.twitter.com/ohOZ6BfKIg
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2021
Breaking : Congress leader Smt. Priyanka Gandhi assaulted on the orders of Government. Smt. Gandhi is on her way to Lakhimpur Kheri. pic.twitter.com/xU8Oy0yrO1 — Anshuman Sail (@AnshumanSail) October 4, 2021
Priyanka Gandhi who was enroute Kheri has been detained at Sitapur by UP cops. pic.twitter.com/OB4VQ75Nay — Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) October 4, 2021प्रियंका गांधी वाड्रा ही नहीं, दूसरे नेताओं को भी प्रशासन ने लखीमपुर खीरी जाने से रोका. यूपी पुलिस ने खैराबाद टोल प्लाजा पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद को रोक लिया. आज़ाद भी लखीमपुर खीरी जा रहे थे. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को सीतापुर में रोक दिया गया. जब सीतापुर के लहरपुर इलाके में गाड़ियों की चेकिंग हो रही थी, उसी दौरान उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया.
आदित्यनाथ जी की सरकार में किसानों की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त करना भी अपराध है। सांसद @SanjayAzadSln जी लखीमपुर के रास्ते पर है और रात 2.30 बजे से उन्हें सीतापुर के बिस्वा में भारी पुलिस बल लगाकर रोक लिया गया है।#लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/26JOJRxZOi— Ajit Tyagi (@_AjitTyagi) October 3, 2021इसके अलावा सपा के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लखनऊ स्थित घर पर भी पुलिस का तगड़ा जमावड़ा रहा. अखिलेश ने भी लखीमपुर खीरी जाकर मृतकों के परिजनों से मिलने की बात कही थी. इसके बाद अखिलेश यादव घर के सामने धरने पर बैठ गए.
Police force deployed outside former Chief Minister and Samajwadi Party president Akhilesh Yadav's residence at Vikramaditya Marg ahead of his scheduled visit to Lakhimpur Kheri where 8 people including 4 farmers died in clashes yesterday pic.twitter.com/iQf0zmCrAp — ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021नरेश टिकैत पहुंचे तिकुनिया भारी पुलिस बंदोबस्त के बावजूद किसान नेता नरेश टिकैत लखीमपुर खीरी के तिकुनिया पहुंच गए. तिकुनिया में ही किसानों और अन्य 4 लोगों की मौत हुई है. राकेश टिकैत के काफिले को बरेली के पीलीभीत बॉर्डर चौकी पर रोकने के लिए बैरियर लगाकर नाकाबंदी की गई थी. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. टिकैत के साथ मौजूद किसानों की नाकेबंदी पर पुलिस से नोकझोंक हुई, जिसके बाद किसानों ने बैरियर खुद उठा दिए. प्रशासन और पुलिस ने टकराव टालने के लिये सख्ती से परहेज किया. टिकैत ने लखीमपुर पहुंचने के बाद कहा कि आगे क्या करना है, इस बारे में कमेटी के लोगों के साथ बैठक कर बात करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री अजय मिश्रा की ओर से पिछले 10 दिनों से इस तरह की बयानबाज़ी हो रही थी. इधर मामले को शांत करने के लिए लखीमपुर के डीएम अरविंद चौरसिया ने किसानों से बातचीत की. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि
"कई चीजों पर चर्चा हुई, मांग पत्र प्राप्त हुआ है. गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, FIR दर्ज़ करने और मृतकों को मुआवज़ा धनराशि, एक-एक सरकारी नौकरी देने और पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. हमने इसे उच्चस्तर पर भेजा है, हम एक दौर की वार्ता और करेंगे." हमने इसे उच्चस्तर पर भेजा है, हम एक दौर की वार्ता और करेंगे: लखीमपुर के ज़िलाधिकारी अरविंद चौरसिया — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 4, 2021यूपी में कुछ ही महीनों में विधानसभा इलेक्शन होने हैं. ऐसे में किसानों की मौत से वहां पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. देखना है कि प्रदेश सरकार कैसे इस बवाल से निपटती है.


