2 जून 2016 (Updated: 2 जून 2016, 08:03 AM IST) कॉमेंट्स
Small
Medium
Large
Small
Medium
Large
कौन कहता है पुलिस काम नहीं करती. खूब करती है. इतना करती है कि अगर किसी की गर्दन पर ब्लेड से हमला किया गया हो, गर्दन से खून निकल रहा हो. तब भी कानपुर की पुलिस जिस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देती है, वो है- शिकायत दर्ज हो जाए पहले.
कानपुर के जूही में इमरान की गर्दन पर उसके पड़ोसी रवि ने ब्लेड से हमला किया. इमरान की गर्दन से खून निकलने लगा. जान बचाने के लिए वो थाने की तरफ भागा. इमरान जब थाने पहुंचा तो पुलिस ने उससे पहले शिकायत लिखवाने के लिए कहा. इमरान की गर्दन से खून निकल रहा था. और पुलिस इलाज कराए बिना इमरान से शिकायत लिखवाती रही. इस पूरी 'औपचारिकता' को पूरा करने में करीब एक घंटे से ज्यादा का वक्त लगा.
शुक्र मनाइए कि वहां कुछ मीडिया के लोग थे. पुलिसवालों को समझाया कि पहले इसका इलाज करवाइए. लेकिन एप्लीकेशन अभी पूरी नहीं हुई थी. इसमें जो एक बात तकलीफ देती है. वो ये कि एप्लीकेशन खत्म होने पर इमरान ने अपने दाएं हाथ को गर्दन पर खून निकलने वाली जगह पर रख लिया. लेकिन शिकायत वाली एप्लीकेशन में साइन नहीं हुआ था. इसलिए पुलिस के कहने पर दाएं हाथ को हटाकर इमरान ने पहले साइन किए. और उत्ती देर बाएं हाथ को गर्दन पर रखा, ताकि निकलते खून को रोका जा सके.
इसके बाद पुलिस ने एक ऑटो से इमरान को अस्पताल भेजा. मामले में डिप्टी एसपी ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, 'इमरान पर उसके पड़ोसी रवि ने ब्लेड से हमला किया था. वो शिकायत दर्ज करवाने थाने आया. पुलिस ने शिकायत दर्ज की और उसे अस्पताल भेज दिया. इमरान से ज्यादा डिटेल्स नहीं ली गई थीं.'
घातक कथाएं जो कानपुर से शुरू होना चाहती हैं