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CBI अधिकारी अमित कुमार सरकार के रडार पर आए, अतीक अहमद की क्या मदद की थी?

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में गवाह बने थे अमित कुमार.

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complaint lodged against cbi deputy sp amit kumar for helping atiq ahmed
अतीक की 'मदद' करने के आरोपी CBI अफसर की सरकार से शिकायत. (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
9 मई 2023 (Updated: 9 मई 2023, 06:26 PM IST)
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उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद के गवाह बने सीबीआई अधिकारी अमित कुमार के खिलाफ केंद्र सरकार के पास शिकायत दर्ज कराई है. वो इस समय डिप्टी एसपी पद पर नियुक्त हैं. अमित कुमार राजू पाल हत्याकांड की जांच करने वाली CBI टीम का हिस्सा थे. लेकिन इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की किडनैपिंग के केस में वो आरोपी अतीक अहमद के पक्ष से गवाह बन कर पेश हुए थे. उन्होंने उमेश के अपहरण के आरोप को 'झूठा' बताया था. 

इस साल 24 फरवरी को उमेश की उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी. उनकी किडनैपिंग और हत्या दोनों मामलों में अतीक अहमद आरोपी था. अपहरण वाले मामले में अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब यूपी सरकार ने अमित कुमार की शिकायत केंद्र से की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके लिए CBI की एक टीम प्रयागराज पहुंच गई है जो रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को सौंपेगी. 

कोर्ट में क्या गवाही दी थी?

अमित कुमार पर अलग-अलग तरीकों से 'अतीक अहमद की मदद' करने का भी आरोप है. इसी को लेकर अब UP सरकार के अभियोजन विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से IPS अधिकारी की शिकायत की है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट में गवाही देते हुए CBI अधिकारी अमित कुमार ने दावा किया था कि उमेश खुद आरोपी अतीक अहमद के साथ मिले हुए थे. उन्होंने ये भी दावा किया कि उमेश पाल ने बाकी गवाहों पर अपने बयान से पलटने का दबाव डाला था. अमित ने कोर्ट में बताया था कि जांच के दौरान उन्हें उमेश पाल की किडनैपिंग से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले.

गवाहों की लिस्ट में फेरबदल

अमित कुमार पर राजू पाल मर्डर केस के गवाहों की लिस्ट से उमेश पाल का नाम हटाने का भी आरोप है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर जब कोर्ट ने अमित कुमार से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा,

“जब उमेश पाल से पूछा गया कि पुलिस शिकायत में हत्या स्थल पर उनकी उपस्थिति का जिक्र क्यों नहीं है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जब पूछा गया कि क्या वो हमलावरों के नाम और उनके पते जानते हैं तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. दिल्ली में CBI ऑफिस में उमेश पाल ने राजू पाल की पत्नी के सामने भी स्वीकार किया कि वो हत्या की जगह पर मौजूद नहीं थे. गोली लगने से घायल गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद साफ हो गया था कि वो मामले में गवाह नहीं थे.”

अमित कुमार का तर्क था कि जब उमेश पाल केस में गवाह ही नहीं थे तो उनका अपहरण क्यों किया जाएगा.

उमेश पाल अपहरण मामले में इस साल 28 मार्च को अतीक और उसके सहयोगियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. तब फैसला सुनाते हुए स्पेशल MP-MLA कोर्ट के जज दिनेश कुमार ने अमित कुमार की भूमिका पर सवाल उठाए थे. 142 पेजों के फैसले में जज ने कई जगहों पर अमित कुमार की भूमिका का जिक्र किया है.

वीडियो: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को तिहाड़ जेल में किसने मारा, अतीक अहमद मर्डर से निकला कनेक्शन

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