UK, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को मान्यता दी, इजरायल भड़क गया
UK और Canada के नक्शेकदम पर चलते हुए Australia के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी Palestine को मान्यता देने का एलान किया. हालांकि, इस कदम की Israel ने कड़ी आलोचना की है.

ब्रिटेन (UK), कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा कदम उठाते हुए फिलिस्तीन को आधिकारिक तौर पर एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दे दी. इस कदम का मकसद इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दो-राष्ट्र समाधान की उम्मीद को जिंदा करना है. हालांकि इजरायल ने फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने की आलोचना की है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनी विदेश मंत्री फार्सीन अगाबकियान शाहीन ने कहा कि इस हफ्ते जिन देशों ने फिलिस्तीन को एक आजाद देश के रूप में मान्यता दी है, उन्होंने एक ऐसा कदम उठाया है जो अब पलटा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि यह कदम फिलिस्तीन की आजादी और संप्रभुता को और करीब लाता है और दो-राष्ट्र समाधान को बचाता है.
फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत समेत 149 देश फिलिस्तीन को आजाद देश की मान्यता दे चुके हैं. ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इस लिस्ट में नए नाम हैं. रविवार, 21 सितंबर को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने फिलिस्तीन को मान्यता देने का एलान करते हुए X पर लिखा,
"आज, फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के लिए शांति की उम्मीद को फिर से जिंदा करने और दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में यूनाइटेड किंगडम (UK) औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है."
वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने X पर लिखा,
"आज, कनाडा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है."
कनाडा के बयान में कहा गया, "कनाडा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है और हम फिलिस्तीन और इजरायल राज्य के बीच शांति की दिशा में साझेदारी बनाने का वचन देते हैं."
ब्रिटेन और कनाडा के नक्शेकदम पर चलते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी फिलिस्तीन को मान्यता देने का एलान किया. उन्होंने X पर लिखा,
"फिलिस्तीन राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता देने का मेरा बयान."
इस बयान में लिखा है,
"आज, 21 सितंबर 2025, से प्रभावी रूप से कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन राज्य को एक स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देता है. इस कदम से ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन के लोगों की देश बनने की लंबी और वाजिब इच्छाओं को कबूल करता है."
फिलिस्तीन को मान्यता मिलने के बाद इजरायल भड़क गया है. इजराइली विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह मान्यता हमास के लिए एक 'इनाम' की तरह है. इजरायल के विदेश मंत्रालय ने X पर लिखा,
"यह मान्यता जिहादी हमास के लिए एक इनाम के अलावा और कुछ नहीं है- जिसे ब्रिटेन में उसके सहयोगी मुस्लिम ब्रदरहुड ने बढ़ावा दिया है. हमास के नेता खुद खुले तौर पर स्वीकार करते हैं: यह मान्यता 7 अक्टूबर के नरसंहार का सीधा परिणाम, 'फल' है. जिहादी विचारधारा को अपनी नीति तय ना करने दें."
वहीं, फिलिस्तीनी विदेश मंत्री शाहीन ने रामल्लाह में इस पल को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह अंत नहीं है, बल्कि एक ऐसा कदम है जो हमें संप्रभुता और आजादी के करीब लाता है.
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