उद्धव सरकार का 'हिंदुत्व कार्ड', औरंगाबाद और उस्मानाबाद के साथ नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदला
पुणे का नाम जिजाऊ नगर करने की भी मांग थी, लेकिन फिलहाल उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी संकट जारी रहने के बीच उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray) ने राज्य की कई जगहों के नाम बदलने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि सरकार ने खुद को बचाने के लिए एक बड़े आखिरी दांव के रूप में ये कदम उठाया है. हिंदुत्व कार्ड का दांव. इसके तहत उद्धव सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है. अब औरंगाबाद को 'संभाजी नगर' और उस्मानाबाद को 'धाराशिव' के नाम से जाना जाएगा. इन दो शहरों के अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Navi Mumbai International Airport) को दिवंगत नेता बी. ए. पाटिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से जाना जाएगा.
कैबिनेट मीटिंग में क्या हुआ?इस फैसले से पहले बुधवार 29 जून को ठाकरे सरकार की कैबिनेट मीटिंग हुई. इसमें इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने भी कुछ जगहों और प्रोजेक्ट्स के नाम बदलने की मांग की है. कांग्रेस ने इस मीटिंग में पुणे का नाम राजमाता जिजाबाई के नाम पर जिजाऊ नगर रखने की मांग की. इसके अलावा कांग्रेस ने सेवरी न्हावा देवा ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर बैरिस्टर एआर अंतुले रखने की मांग भी की थी. अब उद्धव कैबिनेट ने आज शाम दो शहरों और एक एयरपोर्ट के नाम को बदलने की मंजूरी दे दी है.
बता दें कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने की मांग शिवसेना लंबे समय से करती आ रही थी. शिवसेना और उद्धव ठाकरे अक्सर औरंगाबाद को संभाजी नगर कहकर ही संबोधित कर चुके हैं. उस्मानाबाद का नाम भी धाराशिव की मांग शिवसेना ने की थी.
पहले कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के बाद शिवसेना की इन दोनों बातों को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल रहा था. कांग्रेस अक्सर औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने पर आपत्ति जताती रहती थी. लेकिन अब जब महाराष्ट्र में सियासी संकट चल रहा है, ऐसे में सरकार ने इन दोनों जगहों के नाम बदलने को मंजूरी दी है.
एकनाथ शिंदे और उनके गुट के बागी विधायकों की वजह से खड़े हुए सियासी संकट के चलते उद्धव ठाकरे पर कई आरोप लगे. हिंदुत्व की विचारधारा से भटकने के आरोप. माना जा रहा है कि वो जगहों का नाम बदलकर अपने बागियों और राज्य की जनता को संदेश दे रहे हैं कि वो अब भी हिंदुत्व के साथ हैं.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?मीटिंग के एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने बताया कि बैठक में सीएम उद्धव ने क्या कहा. उन्होंने बताया, 'सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मिला, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें अपनी पार्टी के लोगों का समर्थन नहीं मिला. सीएम ठाकरे ने कहा कि सभी 3 पार्टियां एक साथ आईं और 2.5 साल में अच्छा काम किया. उन्होंने सभी पार्टियों का आभार जताया है.'