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उदयपुर हत्याकांड: पाकिस्तान में बैठे आदमी ने कहा था, 'कुछ शानदार करो, प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा'

NIA की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. पता चला है कि कन्हैयालाल को मारने की प्लानिंग 10 से 15 जून के बीच ही शुरू हो गई थी.

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आरोपी रियाज और मोहम्मद गौस (फोटो: इंडिया टुडे)
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आयूष कुमार
2 जुलाई 2022 (Updated: 2 जुलाई 2022, 02:06 PM IST)
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राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच NIA कर रही है. जांच एजेंसी के मुताबिक एक पाकिस्तानी शख्स ने मोहम्मद गौस को इस हत्या के लिए उकसाया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्स का नाम 'सलमान भाई' है. पाकिस्तान में बैठे इस 'सलमान भाई' ने मोहम्मद गौस से कहा था,  

'तुम्हें कुछ शानदार करना चाहिए क्योंकि शांतिपूर्ण विरोध का कोई नतीजा नहीं निकल रहा है.'

इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 2014 के दिसंबर महीने में मोहम्मद गौस को दावत-ए-इस्लामी ने एक कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था. इस बुलावे पर गौस 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था. जनवरी 2015 में वापस लौटने के बाद गौस कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हो गया और इन ग्रुप्स के जरिए पाकिस्तान में बैठे 'सलमान भाई' और 'अबू इब्राहिम' नाम के दो व्यक्तियों के संपर्क में था. बता दें कि दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है.

रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने अपनी शुरुआती जांच में पाया है कि मोहम्मद गौस और रियाज ने 10 जून से 15 जून के बीच ही कन्हैयालाल पर हमले की प्लानिंग शुरू कर दी थी. आरोपियों ने NIA को बताया कि धानमंडी के जिस इलाके में कन्हैयालाल की दुकान है, वहीं पास में 'बबला भाई' नाम का व्यक्ति रहता है. बबला भाई ने ही कन्हैयालाल की हत्या करने के लिए 10-11 लोगों की चुना था और उन्हें प्लानिंग के तहत अलग-अलग काम सौंपे थे. आरोपियों का कहना है कि ये सभी लोग नूपुर शर्मा की टिप्पणी से काफी नाराज थे.  

कन्हैयालाल की रेकी

इंडियन एक्सप्रेस से जु़ड़े वैद्यनाथ की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इस पूरी घटना में 'बबला भाई' की भूमिका की भी जांच की जा रही है. हमले से करीब 2-3 हफ्ते पहले अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप्स पर कुछ लोगों की तस्वीरें और उनसे जुड़ीं जानकारियां शेयर की गई थीं. इसमें कन्हैया लाल की फोटो भी शामिल थी. मोहम्मद गौस और रियाज ने कन्हैयालाल को इसलिए अपना टारगेट बनाया क्योंकि उसकी दुकान उनके काम करने की जगह के करीब थी. कन्हैयालाल की रेकी करने में कुछ स्थानीय युवकों ने भी इन दोनों की मदद की है, जिनमें वसीम और मोहसिन खान का नाम भी शामिल है. मोहसिन और एक अन्य युवक आसिफ हुसैन को गिरफ्तार किया जा चुका है.  

घटना वाले दिन दोनों आरोपी अलग-अलग वाहनों से आए थे और मोहसिन की दुकान के सामने ही गाड़ियों को खड़ा किया था. गौस ने मोहसिन को गाड़ी की चाबी देते हुए ये भी कहा था, 

"अगर हम वापस ना आए तो समझ लेना की काम हो गया है और हमारी गाड़ी को  घर पहुंचा दे." 

कन्हैयालाल की हत्या के बाद दोनों आरोपी एक 'शोएब भाई' नाम के व्यक्ति की दुकान पर गए, जहां दोनों ने हत्या के दौरान पहने हुए कपड़ों में ही वीडियो बनाया. दोनों ने पीएम मोदी और नूपुर शर्मा को भी जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद दोनों ने अपने कपड़े बदले और अजमेर शरीफ जाने के लिए वहां से निकल पड़े, लेकिन उन्हें कोई गाड़ी नहीं मिली जिस वजह से वे रियाज की बाइक अजमेर के लिए निकले. लेकिन राजस्थान पुलिस ने दोनों को राजसमंद जिले के भीम इलाके में पकड़ लिया था.   

वीडियो: कन्हैया लाल को बेरहमी से मारा गया, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या-क्या पता चला?

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