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36 लोग मर गए तुर्की में, आतंकियों का कोई रमज़ान नहीं होता

इस्तांबुल एयरपोर्ट पर सुसाइड अटैक. तीन आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं और खुद को बम से उड़ा लिया.

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आत्मघाती हमले के बाद एयरपोर्ट पर मौजूद लोग. reuters
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पंडित असगर
29 जून 2016 (Updated: 29 जून 2016, 05:58 AM IST) कॉमेंट्स
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इस्तांबुल में सब कुछ रोजाना की तरह. पैसेंजर अतातुर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आ रहे हैं और जा रहे है. किसी को कोई अनहोनी की आशंका नहीं. तभी आतंकी आते हैं. उनके हाथ में AK-47 है. जो भी उनके सामने आता है गोलियों से भून देते हैं. दनादन गोलियां. और फिर एयरपोर्ट भगदड़. लोगों की चीखें दिल दहला देती हैं. और आखिर में धमाके होते हैं. इन धमाकों में आतंकी खुद को बम से उड़ा लेते हैं. इस आत्मघाती हमले में 36 लोगों की जान चली गई और 150 लोग जख्मी हो गए.
तुर्की अधिकारी का कहना है कि मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है. तुर्की प्रधानमंत्री ने हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट के होने की आशंका जाहिर की है. इन हमलों के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद कर दी गई है.
तुर्की के राष्ट्रपति तायिप ने हमले की निंदा की और सभी देशों से आतंक के खिलाफ खड़े होने की अपील की. जानकारी के मुताबिक पहले एयरपोर्ट पर आगमन हॉल की सुरक्षा चौकी के पास AK-47 से लैस दो आतंकी पहुंचते हैं. वहां सिक्योरिटी गार्ड्स और आतंकियों के बीच गोलीबारी होती है. इसके बाद दहला देने वाले दो धमाके होते हैं. और हमलावर खुद को बम से उड़ा लेते हैं.
एम्बुलेंस से जख्मी लोगों को अस्पताल ले जाते हुए. reuters
एम्बुलेंस से जख्मी लोगों को अस्पताल ले जाते हुए. reuters

रॉयटर्स को एक प्रत्यक्षदर्शी ने बतया कि उसने देखा- धमाके से पहले एक गनमैन अंधाधुंध गोलियां बरसाता हुआ टर्मिनल की तरफ दौड़ा. 77 साल के अफ्रीकी टूरिस्ट पाउल रूस ने कहा- उसके सामने जो भी आ रहा था व उसपर गोलियां चला रहा था. वो काले कपड़ों में था और चेहरे पर नकाब था. मैं उससे सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर था. हम फौरन एक काउंटर के पीछे छिप गए, लेकिन मैं खड़ा हुआ और देखा.जिस वक्त गोली चल रही थी उसी वक्त एक के बाद एक दो धमाके हुए.
हमले के बाद बिखरा पड़ा सामान. reuters
हमले के बाद बिखरा पड़ा सामान. reuters

सिक्योरिटी कैमरा से ली गई फुटेज को ओसिअल मीडिया पर सर्कुलेट कर दिया गया. इस फुटेज में सिक्योरिटी गार्ड ने एक आतंकी को मार गिराया. इस वीडियो की पुष्टि नहीं हुई है. कहा जा रहा है कि हमलावर के जमीन पर गिरने के बाद कुछ ही सेकंड में विस्फोट हो गया, जिससे आत्मघाती हमले का पता चलता है.
मौके पर मौजूद टैक्सी ड्राइवर का कहना है कि गोलियों की आवाज इतनी ज्यादा थी, लग रहा था जैसे तूफ़ान आया हो. चारों तरफ गोलियों की चमक दिख रही थी. हमले के वक्त आगमन हॉल में अली तीकिन एक मेहमान के अआने का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने बताया कि ये बहुत बड़ा विस्फोट था. इतना तेज की छत का हिस्सा नीचे गिर गया. अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी गुट ने नहीं ली है.

इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है

तुर्की के राष्ट्रपति तायिप एरडोगन ने कहा- इस्तांबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले में निर्दोष लोगों की हत्या की गई. ऐसा करके तुर्की की ताकत को कम करके आंकने की कोशिश है. ये हमला किसी खास मकसद से नहीं किया गया. लोगों की हत्या देश के खिलाफ प्रचार की कोशिश है. सभी सरकारों और देशों को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ लड़ने की जरूरत है. आज इस्तांबुल में जो बम धमाका हुआ वो पूरी दुनिया के किसी भी शहर में हो सकता है.
प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम ने कहा- 'इस्तांबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट आत्मघाती हमले के पीछे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का हाथ होने की आशंका है. इस हमले में मरने वालों की संख्या 36 तक पहुंच गई. बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए हैं. मरने वालों में विदेशी लोगों के होने की भी आशंका है.'
हमले के बाद एयरपोर्ट से दूर जाते लोग. reuters
हमले के बाद एयरपोर्ट से दूर जाते लोग. reuters

पहले भी हुए आत्मघाती हमले

मार्च में ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमलों और अतातुर्क एयरपोर्ट पर हुए हमले में काफी समानताएं देखी जा रही हैं. ब्रुसेल्स एयरपोर्ट पर इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में 16 लोग मारे गए थे. उसके कुछ पलों के अंतर पर ब्रुसेल्स में ही मेट्रो ट्रेन में हमला होता है और 16 लोग मरे जाते हैं. पिछले साल सरकार और कुर्द चरमपंथियों के बीच संघर्ष विराम खत्म होने के बाद तुर्की में हाल के महीनों में कई हमले हुए.

धमाकों की फुटेज

https://www.youtube.com/watch?v=vLdabQmyW-A

इस्लामिक स्टेट के खिलाफ है तुर्की

तुर्की दुनिया एक ऐसा मुस्लिम देश है जो धर्मनिर्पेक्ष है. सुन्नी बहुल देश है. यहां 72 फीसद सुन्नी और 0.2 फीसद नॉन मुस्लिम हैं. बाकी शिया हैं. तुर्की अमेरिका के नेतृत्व में उस समूह का हिस्सा है जो इस्लामिक स्टेट से लड़ रहा है. तुर्की अपने बलबूते उग्रवादी कुर्द समूह से भी जूझ रहा है. इस्तांबुल के दूसरे एयरपोर्ट पर हमला हुआ था, तब 23 दिसम्बर 2015 में एक कुर्द उग्रवादी को मार गिराया था.

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