एक कमाल की फिल्म आ रही है. एक बच्चा है. जो शाहरुख खान का फैन है. और ये फिल्म फैन नहीं है. अच्छी बात ये भी है कि इसमें शाहरुख खान नहीं हैं. साहरुक खान हैं. या कि वह तोतली आवाज है, जो अपने हीरो को इन नाम से बुलाती है.
बच्चा गरीब है. राजस्थान में रहता है. साथ में उसकी बड़ी बहन है. एक चाचा है. जो दिलासा देता है. कि बच्चा बड़ा होगा तो उसकी आंख का इलाज होगा. बहन ने कुछ और ही कह रखा है. मगर भाई है कि अब उसे आंख नहीं शाहरुख खान चाहिए.
तो बहन भाई निकल पड़ते हैं रेत में. रास्ता तलाशते हुए. साहरुक खान से मिलने.
और यहां पर मिलती है रूना लैला की आवाज. ढोला मारू की जमीं पर पसर जाती है. खारापन और गाढ़ा हो जाता है. बच्चा गाता है.
दमा दम मस्त कलंदर.
कलंदर की खोज कहां रुकेगी. ये फिल्म देख पता चलेगा.
इसे बनाया है नागेश कुकुनूर ने. इससे पहले वह जब राजस्थान आए थे तो जाते वक्त डोर थमा गए थे. ये हौसला कैसे जिए, ये गाना सिर्फ डोर का नहीं, उनके सिनेमा का भी सार गीत है.
एक लड़का. जो अमरीका में केमिकल इंजीनियर था. सब छोड़ आ जाता है. अपनी धुन में जीने. फिल्में बनाने.
और क्या बनाता है. हैदराबाद ब्लूज. रॉकफोर्ड. डोर. इकबाल. लक्ष्मी जैसी फिल्में.
उसी कड़ी में अब धनक आ रही है. इसे प्रोड्यूस किया है मनीष मूंदड़ा ने. मनीष नए और इस किसिम के सिनेमा के भामाशाह बन गए हैं. अच्छी बात है ये. तमाम लोगों के लिए.
दर्शकों के लिए तो है ही खैर.
अब आप धनक का ट्रेलर देखिए.
https://www.youtube.com/watch?v=7uSpaly_8JQ
नागेश कुकुनूर के बारे में संन्यासी क्या कहता है. कैसे बांचता है उसकी जिंदगी और सिनेमा