13 जून 2016 (Updated: 13 जून 2016, 07:27 AM IST) कॉमेंट्स
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हमारे यहां एक शब्द यूज किया जाता है. 'थेथड़'. इसका मतलब होता है अपने मन की करने वाला. जिसे कोई काम करने के लिए मना करो फिर भी वही करे. छुटपन में मेरी मम्मी मुझे कहा करती थी. क्योंकि मैं दूध नहीं पीती थी. परेशान होकर एक दिन मम्मी ने पापा से शिकायत कर दिया. फिर क्या था पापा खाने के बाद अपने सामने बिठाकर दूध का ग्लास खाली करवाते थे.
दिल्ली के पांच प्राइवेट अस्पताल भी थेथड़ हो चुके हैं. दिल्ली सरकार ने उन्हें फ्री में गरीबों का इलाज करने को कहा था. शुरू में तो किया पर उसके बाद फिस्स हो गए. मुनाफा कमती होने लगा था. NDTV ने इस मसले को लेकर एक छानबीन की है. उसमें पता चला है कि प्राइवेट अस्पताल गरीबों और जरूरतमंदो का इलाज करने से मना करते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पांच अस्पतालों पर 700 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
कुल 43 प्राइवेट अस्पतालों को दिल्ली सरकार ने बहुत कम रेट पर जमीन दिया था. इसी शर्त पर कि इन सारे अस्पतालों को गरीबों का इलाज फ्री ऑफ कॉस्ट करना होगा. शुरूआत में तो दिखाने के लिए सारे अस्पतालों ने IPD की 10 पर्सेंट और OPD की 25 पर्सेंट सर्विस गरीबों को फ्री में दिया. पर बाद में बंद कर दिया. वो लोगों को अस्पताल से भगाने लगे. गंदे तरीके से ट्रीट करने लगे.
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को मामले की तह तक जाने कि लिए छानबीन करने के लिए एक कमिटी बनाने का आदेश दिया है. कमिटी के मेंबर अशोक अग्रवाल का कहना है कि 700 करोड़ की रकम का जुर्माना अस्पतालों पर उसके बनने से लेकर 22 मार्च 2007 तक का हिसाब है. हाईकोर्ट ने ये फैसला एक याचिका को ध्यान में रखकर किया है. जिसमें प्राइवेट अस्पतालों में गरीबों के फ्री इलाज की हालत को लेकर था.
सरकार के रिपोर्ट के मुताबिक फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टट्यूट, मैक्स सुपर स्पेशिऐलिटी हास्पिटल साकेत, शांति मुकुंद हास्पिटल, धर्मशीला कैंसर हास्पिटल और पुष्पावती शिंघानिया रिसर्च इंस्टट्यूट मुनाफा कमाने के चक्कर में गरीबों को फ्री में इलाज देने में नाकाम पाए गए हैं.
फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड ने पलटवार करते हुए कहा है कि कानूनी तौर पर ये आदेश बेकार और बकवास है. हम इसे हाईकोर्ट में चैलेंज करेगें. मैक्स सुपर स्पेशिऐलिटी हास्पिटल ने कहा है कि हमे विश्वास है कि ये आर्डर हमारे लिए अनफेयर है. गरीबों के इलाज में हमने कोई कोताही नहीं बरती है. हमारे ऊपर जितने भी इल्जाम लगे हैं वो सब झूठे हैं.
कमिटी ने सुझाव दिया है कि जुर्माने के 700 करोड़ रुपये को दिल्ली के सरकारी अस्पताल की हालत सुधारने के लिए लगाया जाए.
हमारा नाम गिनीज बुक में दर्ज होना चाहिए : केजरीवाल
एक तरफ केजरीवाल डंका पीटे जा रहे हैं कि हम सबसे तेज हैं. हमने दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ नंबर्स में स्कूल और अस्पताल खोले हैं. और दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पताल गरीबों को इलाज देने से मना कर रहे हैं.
रविवार को रोहिनी में डॉ बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज का इंनऑग्रेशन करते हुए उन्होंने राजधानी में हजारों मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने की बात कही है. अपनी सरकार को सबसे तेज के खिताब से नवाजने वाले को ये तो पता है कि सबसे तेज किसी चैनल का टैग लाइन है पर चैनल का नाम नहीं.
केजरीवाल का दावा है कि उन्होंने 100 मोहल्ला क्लिनिक शुरू कराया है जो की पिछले 60 साल में शुरू किए गए डिस्पेन्सरी से ज्यादा है. ये एक रिकॉर्ड है जो पूरी दुनिया में कही भी नहीं है. हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की तारीफ के पुल बांधते हुए केजरीवाल ने कहा कि गरीब और अमीर दोनों को एक तरह की सुविधाएं देने के लिए सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट रूम की फेसिलिटी शुरू की है वो काबिले तारीफ है.
आगे उन्होंने कहा कि साल में 200 स्कूल बनवाना एक रि कॉर्ड की तरह है जिसे गिनीज बुक में दर्ज होना चाहिए. पहले करप्शन की वजह से सारी चीजों में देर लगती थी. बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता था. पर अब ऐसा नहीं है. कोई पैसे नहीं ले रहा इसलिए सारे काम तेजी से हे रहे हैं.