ऊंचाई के साइड इफेक्ट: सहरी और इफ्तार, दिन में तीन बार
दुबई के बुर्ज खलीफा में रोजादार अलग-अलग वक़्त करते हैं इफ्तार. क्योंकि सूरज ही तीन बार उगता और छिपता है.
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इमारत एक. उसमें रोजा इफ्तार के वक्त तीन-तीन. यहां ये एलान नहीं होता. हजरात ! रोजा इफ्तार कर लीजिए, इफ्तार का वक्त हो गया है. इसकी वजह यहां इमारत की उंचाई होना है. बात कर रहे हैं हम बुर्ज खलीफा की. वही इमारत जो दुबई में है.
दुबई की इस इमारत में रोजा ही तीन अलग-अलग वक्त इफ्तार नहीं किया जाता. यहां नमाज का वक्त भी अलग-अलग है. यहां लोग लाउडस्पीकर से एलान होने का इंतजार नहीं करते. खुद ही अपने-अपने वक्त पर रोजा इफ्तार करते हैं. नमाज पढ़ते हैं. उर्दू वेबसाइट से बातचीत में इमारती आलमे दीन और मुफ्ती ए आजम अहमद अब्दुल अजीज ने बताया कि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई ज्यादा है. इस वजह से अलग-अलग मंजिल में अलग-अलग वक्त रोजा इफ्तार होता है और पांचों वक्त नमाज होती है. रोजा इफ्तार करने के लिए सूरज का छिपना जरूरी है. रोजादार सूरज के छिपने का इंतज़ार करते हैं.