पियक्कड़ ड्राइवर्स को सुधारने के काम आ रहे हैं मुर्दाघर!
फर्ज कीजिए. कैसा लगता होगा, उस लाश को देखकर, जिसके लाश बनने की वजह आपका नशा, आप हों.
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फोटो - thelallantop
शराब पीना या न पीना आपका फैसला है. सही, गलत के लफड़े को भी आप समझिए. पर एक बात जिसे कोई भी कतई सही नहीं ठहरा सकता, वो है, शराब पीकर गाड़ी चलाना. आए दिन ड्रिंक एंड ड्राइव. हिट एंड रन केस सुनाई दे जाते हैं. न जाने कितनी ही जिंदगियां खत्म हो जाती हैं. थाइलैंड वालों ने अपने यहां के पियक्कड़ ड्राइवर्स को सुधारने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है.
तरकीब ये है कि अगर कोई भी शराब पीकर गाड़ी चलाता हुआ, पकड़ा जाए. तो ऐसे ड्राइवर को मुर्दाघर भेज दो. सिर्फ भेजना ही मकसद नहीं है. भेजने के बाद वहां पर पियक्कड़ ड्राइवर को काम भी करना होगा. ताकि उसे ये एहसास हो कि जब सड़क हादसे होते हैं, लोग मरते हैं. तो क्या हालत होती है. मरने के बाद इंसान, मुआफ कीजिए.. इंसान की लाश कैसी दिखती है.
दुनियाभर में सड़क हादसों की लिस्ट में थाईलैंड दूसरे नंबर पर आता है. यहां रोजाना बड़ी तादाद में लोग सड़क हादसों के शिकार होते हैं. पिछले साल 11 हजार 370 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां बैठे. थाईलैंड की ऑथोरिटी का मानना है कि टीवी ऐड से कोई फर्क नहीं पड़ा. लोग अब भी वैसे ही शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं. उनके सामने अगर कोई आ जाए तो जान की भीख मांगना उनके सामने बेकार है क्योंकि उनका स्टीयरिंग पर कंट्रोल ही नहीं होता.
थाई ऑथोरिटी ने शराबी ड्राइवर को झटका देने के लिए ही ये रणनीति बनाई है. अब उन्हें मुर्दाघर भेजा जाएगा. नशे में गाड़ी चलाने वाले एक ड्राइवर का मानना है कि 'शराब पीने के बाद हम सोचते हैं कि हम ठीक हैं. लेकिन हम इतने नशे में होते हैं कि गाड़ी नहीं चला सकते. और अगर एक्सीडेंट हो जाए तो हादसे में जख्मी होने वाला अपनी जिंदगी अस्पताल में ट्रॉली पर गुजारने पर मजबूर हो सकता है.'
शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 17 हजार ड्राइवरों को अप्रैल में मुर्दाघर भेजा गया. द कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंक एंड ड्राइविंग (CADD) ने 2011 में एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक 1.34 लाख रोड एक्सीडेंट हर साल होते हैं. इनमें 70 फीसदी हादसे नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर होते हैं.
देखिए ड्राइवर्स को मुर्दाघर भेजने का वीडियो...