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आतंकियों ने POK में मंत्री को किया अगवा, पाकिस्तान सरकार के सामने ये मांग रखी!

आतंकियों ने समझौते के बाद मंत्री और पर्यटकों को छोड़ दिया है.

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गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के पाकिस्तानी मंत्री अबैदुल्ला बेग. (फोटो: एएनआई/ट्विटर)
8 अक्तूबर 2022 (Updated: 8 अक्तूबर 2022, 20:05 IST)
Updated: 8 अक्तूबर 2022 20:05 IST
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PoK में आतंकवादियों ने एक मंत्री को ही अगवा कर लिया. आतंकियों ने 7 अक्टूबर को गिलगित-बाल्टिस्तान (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर क्षेत्र) से खैबर पख्तूनख्वा (पाकिस्तान का एक प्रांत) को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क को घेरकर मंत्री और कई पर्यटकों को अगवा कर लिया था. बदले में पाकिस्तान की जेल से अपने साथियों की रिहाई की मांग कर दी. हालांकि समझौते के बाद उन्होंने मंत्री और पर्यटकों को छोड़ दिया है. साथ ही अब रोड भी आवागमन के लिए खुल गई है.

पाकिस्तान के अखबार डॉन की खबर के मुताबिक आतंकियों ने शनिवार 8 अक्टूबर को गिलगित-बाल्टिस्तान के मंत्री अबैदुल्ला बेग को छोड़ दिया है और बाबुसार रोड को भी खोल दिया है, जो कि पिछले एक दिन से बंद था.

रिपोर्ट के मुताबिक गिलकित के कुख्यात आतंकी हबीबुर रहमान के साथियों ने बीते शुक्रवार 7 अक्टूबर को शाम चार बजे डायमेर स्थित चिलास के ठाक गांव में प्रमुख सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे बाद दोनों तरफ के पर्यटक रास्ते में ही फंस गए थे.

आतंकियों ने अपने कई साथियों की रिहाई की मांग की. जिसमें नंगा पर्वत क्षेत्र में विदेशियों की निर्मम हत्या करने और डायमेर में अन्य आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग शामिल हैं. हबीबुर रहमान ने अकेले ही 10 विदेशियों की हत्या की थी.

बहरहाल मंत्री अबैदुल्ला बेग ने एक वीडियो जारी कर पुष्टि की है कि आतंकियों ने उन्होंने छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि जब वह इस्लामाबाद से गिलगित जा रहे थे, तभी आतंकियों ने रोड ब्लॉक करके अगवा कर लिया, ताकि उनके सहयोगियों को जेल से रिहा कर दिया जाए.

आतंकियों ने प्रशासन के सामने ये भी मांग रखी है कि प्रांत में इस्लामिक शासन लागू किया जाए और कोई भी महिला स्पोर्ट्स नहीं होना चाहिए. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आतंकियों की मांगे मान ली गई हैं या नहीं.

डॉन के मुताबिक समझौते में शामिल फैजुल्लाह नामक एक शख्स ने बताया कि आतंकियों ने बेग और उनके साथ के लोगों को छह घंटे तक अगवा कर रखा था. समझौते के बाद तड़के सुबह तीन बजे उन्हें छोड़ दिया गया.

बता दें कि पुलिस ने साल 2013 में हबिबुर रहमान को उसके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था. हालांकि साल 2015 में अपने एक साथ के साथ गिलगित जेल से फरार हो गया था. उसके बाकी साथी इस समय पाकिस्तान के पंजाब की जेल में बंद हैं और मिलिट्री कोर्ट में ट्रायल का इंतजार कर रहे हैं.

पहले तो हबीबुर छुप कर रहता था, लेकिन 7 जुलाई 2021 को उसने डायमेर जिले के एक मैदान में खुली सभा की, जहां उसके भड़काऊ भाषण दिए थे.

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