दफ़्तर में घुसकर महिला तहसीलदार पर पेट्रोल छिड़का, फिर आग लगाकर ज़िंदा जला दिया
इस सबके पीछे एक ज़मीन विवाद की वजह बताई जा रही है. जिसने आग लगाई, वो ख़ुद भी झुलसा.

जमीन विवाद के पीछे हुई हत्या? जिसने विजया को ज़िंदा जलाया, उसका नाम है सुरेश. वो रंगा रेड्डी ज़िले के गोवरेली गांव का रहने वाला है. ख़बरों के मुताबिक, पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने से पहले सुरेश कुछ देर तक विजया से कुछ बात कर रहा था. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में ज़मीन विवाद का ऐंगल सामने आ रहा है. 'इंडिया टुडे' के मुताबिक, सात एकड़ ज़मीन को लेकर विवाद था. इसके मुताबिक, आरोपी सुरेश ने तहसीलदार विजया रेड्डी के पास कई बार अपील की थी. वो अपनी ज़मीन का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहता था. मगर विजया ने उसकी अपील ख़ारिज़ कर दी थी. इसी बात से नाराज़ था सुरेश. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में क्या चल रहा है? न्यूज़मिनट ने अपनी ख़बर में अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि विवाद की जड़ में जो ज़मीन है, उसके ऊपर तकरीबन 30 परिवार अपना दावा कर रहे हैं. इस ज़मीन विवाद में सुरेश और उसके भाई भी दावेदार हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरेश अपने नाम पर ज़मीन का पट्टादार पासबुक जारी करवाना चाहता था. इसमें देर लग रही थी. ख़बरों में सुरेश के एक रिश्तेदार का बयान यूं चल रहा है-I am shocked beyond words about the Abdullapurmet MRO Smt. Vijaya’s brutal murder. No matter what the unresolved issue was, this sort of inhuman attack is reprehensible and has no place in a democracy. My heartfelt condolences to the family of Smt. Vijaya Reddy Garu🙏
— KTR (@KTRTRS) November 4, 2019
अधिकारियों ने क्लियरेंस तो दे दिया, मगर सुरेश के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर नहीं की. कह रहे थे कि इसके लिए डिजिटल क्लियरेंस चाहिए होगा.न्यूज़मिनट ने सुरेश के एक रिश्तेदार दुर्गैया से बात की. उनका कहना है कि सुरेश इस ज़मीन विवाद में इन्वॉल्व नहीं था. गांव के बुजुर्ग मिलकर इस विवाद पर बातचीत कर रहे थे. सुरेश का परिवार सदमे में बताया जा रहा है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि सुरेश ने इतना हिंसक कदम कैसे उठाया. अपने बैग के अंदर पेट्रोल का केन लेकर आया था सुरेश? 'इंडिया टुडे' ने विजया के ड्राइवर से बात की. ड्राइवर का कहना है कि आरोपी सुरेश अपने साथ एक बैग लाया था. वो विजया के केबिन में घुसा और उसने विजया पर हमला किया. फिर उसने विजया के शरीर पर पेट्रोल फेंककर आग लगा दी. विजया के चीखने की आवाज़ सुनकर ड्राइवर वहां पहुंचा. उसने विजया के चैंबर का दरवाज़ा खोला. किसी धमाके की स्थिति में ये दरवाज़ा ऑटो लॉक हो जाता है. ड्राइवर का कहना है कि उन्होंने विजया को बचाने की कोशिश की, मगर बचा नहीं सके.
जिसने आग लगाई, वो ख़ुद भी झुलसा इस वारदात में विजया तो मारी गईं. उन्हें बचाने की कोशिश में ऑफिस के दो स्टाफ भी जख़्मी हुई. उन्हें इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वारदात के दौरान आरोपी सुरेश भी झुलसा. कुछ जगहों पर रिपोर्ट ये है कि उसने विजया को आग लगाने के बाद ख़ुद के शरीर में भी आग लगा ली. उसका शरीर 50-60 फीसद झुलस गया है. पुलिस ने सुरेश को भी अस्पताल में एडमिट कराया गया है. पुलिस ने अभी हत्या और हत्या की कोशिश का केस दर्ज़ किया है. पुलिस कमिश्नर महेश एम भागवत का कहना है कि इस हत्या के केस को फास्ट ट्रैक पर चलाया जाएगा. आरोपी के लिए फांसी की सज़ा मांगेगी पुलिस. चश्मदीद क्या बता रहे हैं? चश्मदीदों के मुताबिक, जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाज़ आई. ये सुनकर दफ़्तर के कर्मचारी तहसीलदार के चैंबर की तरफ भागे. वहां उन्होंने देखा, विजया के शरीर में आग लगी है. वो उसी हालत में चीखते हुए अपने केबिन में बाहर की तरफ भाग रही हैं. उन्हें बचाने की कोशिशें की गईं. मगर सब नाकाम रहे. लोग काफी डरे हुए हैं. नाराज़ हैं. रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस वारदात के विरोध में प्रदर्शन भी किया. वो विजया के लिए न्याय मांग रहे हैं. रेवेन्यू अधिकारियों के एक संगठन ने इस वारदात के विरोध में 5 नवंबर को पूरे तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन की अपील भी की है. इनकी मांग है कि आरोपी को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए. तेलंगाना के शिक्षा मंत्री हैं पी साबित इंद्रा रेड्डी. वो भी वारदात वाली जगह पहुंचे. जो हुआ, उसकी निंदा की. कहा-Telangana: An unknown person, today, poured kerosene on Abdullahpurmet Tehsildar, Vijaya & set her ablaze allegedly over discrepancies in his land records. She succumbed to her injuries at a hospital. Later, he set himself on fire & is admitted to a hospital; Case registered. pic.twitter.com/vHW1pWjz0u
— ANI (@ANI) November 4, 2019
अगर कोई शिकायत है, तो लोगों को उस मामले से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए. उन तक अपनी बात पहुंचानी चाहिए. अधिकारी भी लोगों के लिए ही काम करते हैं. जनता के हित में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. लोगों को इस तरह की नृशंसता नहीं दिखानी चाहिए. ये सही तरीका नहीं है.
एक सरकारी ऑफिस में दिनदहाड़े घुसकर एक आदमी ऐसी वारदात को अंजाम देता है. वो ऐसा कैसे कर पाता है? पेट्रोल लेकर अंदर कैसे आने दिया जाता है? वो इस तरह एक अधिकारी के शरीर में आग कैसे लगा पाता है? ये सारे सवाल प्रशासन और विभागीय लापरवाही का सैंपल हैं.This man was talking to the #tehsildar for sometime before he set her on fire. Eyewitnesses noticed he was carrying a passbook when he walked into the office. Some other employees at the office also injured. #Telangana pic.twitter.com/r5kDZoz0th
— T S Sudhir (@Iamtssudhir) November 4, 2019
कम फीस में बच्चों का इलाज करता था, जब 900 बच्चों को HIV हो गया तब खुला राज़मादी शर्मा: नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीर से लेकर कश्मीर में EU डेलीगेशन भेजने तक