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'पहले से पता था, फिर भी अंदर जाना पड़ा...' तेलंगाना सुरंग हादसे को लेकर मजदूरों ने बताई अंदर की कहानी!

Telangana Tunnel Collapse Update: टनल निर्माण से जुड़े एक वेल्डर ने सुरंग के बारे में कई खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि वर्कर्स ने हमें टनल में पानी के रिसाव के बारे में पहले ही बताया था. ऐसा कई बार हो भी चुका था. लेकिन फिर भी उन्हें अंदर जाना पड़ा.

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फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है (फोटो: PTI)
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अर्पित कटियार
24 फ़रवरी 2025 (Published: 12:22 PM IST)
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तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल हादसे को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है (Telangana tunnel collapse). भारतीय सेना, NDRF, SDRF के अलावा कई एजेंसियां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. इन सबके बीच टनल निर्माण से जुड़े एक वेल्डर ने सुरंग के बारे में कई खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि वर्कर्स ने हमें टनल में पानी के रिसाव के बारे में पहले ही बताया था. ऐसा कई बार हो भी चुका था. लेकिन फिर भी उन्हें अंदर जाना पड़ा.

'जानते थे कि ये खतरनाक काम…'

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 22 फरवरी को वेल्डर संजय साह ने बताया,

‘हमारी तरह ही वर्कर्स भी ये बात जानते थे कि ये एक खतरनाक काम है. लेकिन इस काम से मिलने वाले पैसों से परिवार का गुजारा होता है. हम अक्सर पानी के रिसाव की छोटी-मोटी घटनाओं के बारें में बात करते हैं. लेकिन मजबूरी है, काम तो करना ही पड़ता है.’

रिपोर्ट के मुताबिक, संजय साह उन 50 लोगों में शामिल थे, जो शनिवार, 22 फरवरी की सुबह 7 बजे टनल में गए थे. तभी तकरीबन 13.5 किलोमीटर अंदर टनल की छत का हिस्सा गिर गया. इसके बाद सभी वर्कर्स सुरक्षित बचने के लिए बाहर भागे. लेकिन टनल से बाहर निकलने के बाद उन्हें पता चला कि आठ लोग बाहर नहीं निकल पाए हैं. जिन्हें रेस्क्यू करने की कोशिशें चल रही है. 

ये भी पढ़ें: तेलंगाना सुरंग हादसा: अभी भी फंसे हैं 8 लोग, रेस्क्यू के लिए पहुंची इंडियन आर्मी, पानी भरा होने से हो रही देरी

पहले से थी ‘रिसाव’ की जानकारी

संजय साह ने बताया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाले वर्कर्स ने उन्हें टनल में पानी के रिसाव के बारे में बताया था. ऐसा कई बार हुआ है. इसके बावजूद वे सावधानी बरतते हुए अंदर गए. आगे साह ने कहा,

‘हम सुरंग में 13 किलोमीटर से ज़्यादा पैदल चले. जिसमें लगभग एक घंटा लगा. हमारे वहां पहुंचने के 15-20 मिनट बाद ही मिट्टी के टुकड़े गिरने लगे. मैं जहां इमारत ढही, वहां से महज 20 मीटर दूर था. शिफ्ट इंचार्ज ने हमें वहां से हटने को कहा और अलार्म बज गया. हम बस भागे. कुछ ही मिनटों में एक तेज आवाज हुई और सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. जब हम बाहर आए तभी हमें पता चला कि आठ लोग बाहर नहीं निकल पाए थे.’

बता दें कि अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू टीम टनल के अंदर 13 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है. लेकिन अगले कुछ सौ मीटर में पानी और कीचड़ की वजह से टीम फंसे हुए लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है.

वीडियो: सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों ने कैसे काटे 17 दिन, पता लगी असली कहानी

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