होटल वाले ने खाने के साथ अचार नहीं दिया, कस्टमर ने केस कर दिया, पता है फिर कितना रुपया मिला?
शिकायत करने वाले ने दावा किया कि उन्हें अचार नहीं मिला, साथ ही बिल या रसीद भी नहीं मिली, बल्कि एक छोटी सी पर्ची दी गई. मामले की शिकायत जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) के पास पहुंची. अब फैसला आया है.

तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में 25 रुपये का अचार ना देने के बदले एक होटल को हजारों रुपये मुआवजा भरने को कहा गया है (Tamil Nadu Hotel Pickle). दरअसल कस्टमर ने अपने मेहमानों के लिए खाना ऑर्डर किया था. परोसा तो पता चला कि होटल वाले अचार भेजना भूल गए. जब तक अचार आया सब खाना खा चुके थे. इसके बाद मामले की शिकायत दर्ज कराई गई. फिर क्या हुआ, आइए सब आपको बताते हैं.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता का नाम सी अरोकिया सामी है. नवंबर 2022 में उनके मृत रिश्तेदार की पहली बरसी थी और इसके लिए उन्होंने बाला मुरुगन होटल से 25 लोगों के लिए खाना ऑर्डर किया था. अरोकिया सामी का कहना है कि उन्होंने ऑर्डर करने से पहले होटल से खाने के आइटम को लेकर पूछताछ की थी और उन्हें बताया गया था कि हर मील में अचार भी दिया जाएगा. ये जानकर ही उन्होंने खाना ऑर्डर किया था और 80 रुपये के हिसाब से 25 मील के लिए दो हजार रुपये दिए थे.
शिकायत के मुताबिक, जब मेहमानों को खाना परोसा गया तो पता चला कि उसमें अचार नहीं था जिसके चलते शिकायतकर्ता को अपमान और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. उन्होंने जब इस बारे में होटल से संपर्क किया तो उन्होंने अपनी गलती मानी और अचार पहुंचाने की बात कही. हालांकि अचार के आने तक सब खाना खा चुके थे. इस पर अरोकिया सामी ने अचार लेने से मना कर दिया और होटल वालों से अचार के पैसे वापस करने का अनुरोध किया.
अरोकिया सामी का दावा है कि दो हजार रुपये के बदले उन्हें उचित बिल या रसीद भी नहीं मिली और केवल एक छोटी सी पर्ची दी गई. उन्होंने मामले की शिकायत विल्लुपुरम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) के पास दर्ज कराई.
मई में DCDRC अध्यक्ष डी सतीश कुमार और सदस्य एसएम मीरा मोहिदीन और के अमला ने इस केस पर फैसला सुनाया. कहा,
शिकायतकर्ता ने होटल से संपर्क किया और अचार की कीमत वापस करने के लिए लेटर भी भेजा. फिर भी होटल ने शिकायत का निवारण नहीं किया. ये सर्विस में कमी को दिखाता है. दो हजार रुपये के खाने में अचार की कीमत शामिल है. खाने के लिए रसीद भी जारी नहीं की गई. इन सब वजहों से शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा हुई.
आयोग ने होटल मालिक को अचार के लिए 25 रुपये वापस करने और शिकायतकर्ता को हुई शारीरिक कठिनाई और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के तौर पर 30 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. इसके अलावा मुकदमे में खर्च हुए शिकायतकर्ता के 5 हजार रुपये भी उसे देने को कहा गया है. यानी अब शख्स को 35 हजार रुपये मिलेंगे.
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