The Lallantop
Advertisement

कोटा में तीन शिक्षकों को 'धर्मांतरण' के आरोप में सस्पेंड किया गया, कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?

शिक्षकों पर स्कूल में बच्चों से जबरन नमाज अदा कराने और धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया है. ये भी आरोप है कि मुस्लिम शिक्षकों ने लालच देकर हिंदू छात्रों से स्कूल में नमाज पढ़वाई.

Advertisement
Conversion claims in government senior secondary school in Rajasthan’s Kota
कोटा के सांगोद में स्थित ओदपुर के खजूरी का गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल विवादों में है. (सांकेतिक फोटो: इंडिया टुडे)
1 मार्च 2024 (Updated: 1 मार्च 2024, 23:48 IST)
Updated: 1 मार्च 2024 23:48 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

राजस्थान के कोटा का एक स्कूल इन दिनों विवादों में है. राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर यहां के तीन मुस्लिम टीचर्स को सस्पेंड कर दिया गया है. इन टीचर पर स्कूल में जबरन नमाज अदा कराने और धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया है. ये स्कूल कोटा के सांगोद में स्थित ओदपुर के खजूरी का गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल है. विवाद तब शुरू हुआ, जब स्कूल की एक पूर्व छात्रा ने अपना घर छोड़ दिया. लड़की हिंदू है, उसने एक मुस्लिम लड़के के साथ अपना घर छोड़ा. मामले की छान-बीन चल रही थी. इस बीच पता चला कि छात्रा के एडमिशन फॉर्म में उसका धर्म ‘इस्लाम’ लिखा गया था. फिर उसी स्कूल में 26 जनवरी को हुए एक प्ले पर भी आपत्ति जताई जाने लगी. क्या कुछ हुआ, आपको बताते हैं.

हिंदू छात्रा का धर्म ‘इस्लाम’ वाला मामला

इंडियन एक्सप्रेस के हमज़ा खान की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में एक 14 साल की लड़की का नाम इस स्कूल में लिखाया गया था. 10वीं क्लास के एडमिशन फॉर्म में छात्रा का धर्म गलत हो गया था. हिंदू छात्रा का धर्म 'इस्लाम' मार्क हो गया था. साल 2022 में इस छात्रा ने 12वीं पास की. इसके बाद उसे ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. अब तक उसका धर्म 'इस्लाम' लिखे जाने का मामला नहीं उठा था.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा सिमी का फरार आतंकी हनीफ शेख, महाराष्ट्र के स्कूल में टीचर बन पढ़ा रहा था

इसी साल 5 फरवरी को लड़की ने अपने गांव के एक मुस्लिम लड़के के साथ घर छोड़ दिया. लड़की के माता-पिता ने पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने उसकी डिटेल के लिए स्कूल से संपर्क किया. जब स्कूल ने लड़की का एडमिशन फॉर्म और दूसरी डिटेल पुलिस के साथ शेयर की, तो फॉर्म में उसके धर्म का मामला सामने आया और विवाद भड़क गया.

दक्षिणपंथी संगठन दावा करने लगे कि लड़की भाग गई क्योंकि स्कूल शिक्षकों ने उसका ब्रेनवॉश किया. इसके अलावा, इन दावों को पुख्ता साबित करने के लिए स्कूल में इस साल 26 जनवरी को हुए प्ले से क्रॉप की गई क्लिप का हवाला दिया गया. अब उस प्ले में ऐसा क्या था? वो भी जान लीजिए.

26 जनवरी के एक प्ले से जुड़ा विवाद

रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्ले में स्कूल की एक छात्रा ‘भारत माता’ बनी थी. प्ले में दिखाया गया कि एक-एक करके, एक हिंदू, एक मुस्लिम, एक सिख और एक ईसाई किरदार ने ‘भारत’ को अपनी पहचान में ढालने का प्रयास किया. आगे दिखाया गया कि भारत के लोगों ने ऐसी कोशिशों को नाकाम किया. नाटक का अंत 'धर्मों' के एकजुट होने और तिरंगे को लहराने के साथ हुआ.

स्कूल के प्रिंसिपल कमलेश बैरवा ने कहा,

"ये एक सर्व धर्म सद्भाव वाला नाटक था, और शिक्षक होने के नाते, ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम समुदाय को एकता का एक अच्छा संदेश देने का प्रयास करें."

प्ले होने के अगले कुछ दिनों में, स्कूल की पूर्व छात्रा के घर छोड़ने का मामला सामने आया. फिर उसके एडमिशन फॉर्म में उसका धर्म इस्लाम लिखे होने का पता चला. साथ ही, स्कूल में हुए प्ले के वीडियो को काट-छांट कर इस्तेमाल किया गया. खासकर एक 'मुस्लिम' किरदार द्वारा 'राष्ट्र' के बगल में नमाज अदा करने वाला हिस्सा.

इसके बाद स्कूल पर धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ के आरोप लगने लगे. 20 फरवरी को, ‘सर्व हिंदू समाज’ के बैनर तले दक्षिणपंथी संगठनों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें स्कूल में 'लव जिहाद' और 'धर्म परिवर्तन' की गतिविधियों का आरोप लगाया गया. आरोप लगाया गया कि मुस्लिम शिक्षकों ने लालच देकर हिंदू छात्रों से स्कूल में नमाज पढ़वाई.

इसके बाद राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर स्कूल के सभी तीन मुस्लिम शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया. 

मामले पर सभी पक्षों की अपनी-अपनी सफाई

स्कूल के प्रिंसिपल और दूसरे टीचरों ने स्कूल में धर्म परिवर्तन के प्रयास या नमाज़ कराने से इनकार किया है. स्कूल मैनेजमेंट से जुड़े अधिकारियों और टीचरों ने इस मामले के जांच अधिकारी को खत लिखकर कहा है कि स्कूल में कोई धर्मांतरण गतिविधि या नमाज नहीं हुई है. उनमें से कुछ, जिन्होंने स्कूल में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया था, ने ये भी कहा कि प्ले में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था.

वहीं अपना घर छोड़ने वाली स्कूल की पूर्व छात्रा के माता-पिता का कहना है कि लड़की का ‘अपहरण’ कर लिया गया है. स्कूल फॉर्म का हवाला देते हुए वो बताते हैं कि उनकी बेटी ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. हालांकि, स्कूल के प्रिंसिपल और टीचरों का कहना है कि छात्रा के एडमिशन फॉर्म भरते वक्त एक मानवीय गलती हो गई थी. स्कूल की सफाई है कि दूसरे सभी डॉक्यूमेंट उस छात्रा का धर्म हिंदू बताते हैं.

सस्पेंड हुए एक टीचर फिरोज खान ने बताया,

"उस साल एक ही नाम की तीन छात्राएं थीं. बाकी दो मुस्लिम थी, और ये छात्रा हिंदू थी, इसलिए ऐसी मानवीय भूल हुई."

विवाद बढ़ने पर लड़की ने 23 फरवरी को एक हलफनामा भी जारी किया. इसमें कहा गया कि उसने ही अपने हलफनामे में गलती से इस्लाम का उल्लेख किया था, 'जबकि उसका धर्म हिंदू है'. कानूनी तौर पर लड़की अभी भी एक हिंदू है. जबकि उसके परिवार और गांव के कुछ लोग एडमिशन फॉर्म का हवाला देते हुए उसके ‘धर्म परिवर्तन’ की बात कहते हैं. लड़की की मां ने कहा,

"हमें उसके धर्म परिवर्तन के बारे में 5 फरवरी को पता चला."

वहीं, लड़की के पिता स्कूल पर पूरी साजिश रचने का आरोप लगाते हैं. सांगोद पुलिस स्टेशन के SHO हीरा लाल जाट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में पहले एक FIR दर्ज की गई थी. हालांकि, लड़की बालिग है और उसने कोर्ट में दिए बयान में कहा कि वह अपनी मर्जी से गई है. इस मामले की जांच जारी है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: राजस्थान टू चाइल्ड पॉलिसी क्या है? ऐसे ही कानून ने चीन का क्या हाल किया?

thumbnail

Advertisement

Advertisement