The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Supreme Court Says to Govt no ...

सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर बहुत बड़ी बात कही है

10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे.

Advertisement
कुछ ऐसा दिखेगा नया संसद भवन. ये तस्वीर ओम बिड़ला ने ट्विटर पर शेयर की है.
कुछ ऐसा दिखेगा नया संसद भवन और आसपास का इलाका.
pic
Varun Kumar
7 दिसंबर 2020 (Updated: 7 दिसंबर 2020, 10:02 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 7 दिसंबर को कहा कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास 10 दिसंबर को कर सकती है लेकिन प्रोजेक्ट साइट पर कोई निर्माण या तोड़फोड़ आदि नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी याचिकाओं पर जब तक सुनवाई चलेगी तब तक सरकार इस जगह कोई काम ना करे, हालांकि शिलान्यास कार्यक्रम पर कोई रोक नहीं है. जस्टिस एएम खनविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि जब तक कोर्ट किसी तरह के नतीजे पर ना पहुंचे, तब तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई काम नहीं किया जाना चाहिए. इसमें निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण और पेड़ों को गिराया जाना जैसे काम शामिल हैं. कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर तेज गति से आगे बढ़ रही है. कोर्ट ने कहा,
"हम साफ करना चाहते हैं कि अथॉरिटीज बाकी सब औपचारिताओं के लिए फ्री हैं. 10 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम को भी अनुमति दी जाती है लेकिन साइट पर कोई अन्य बदलाव नहीं किया जाना चाहिए."
सरकार की ओर से इस प्रोजक्ट को लेकर दिखाई जा रही तेजी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही. कोर्ट ने मेहता से कहा,
"हमने इस मामले को सूचीबद्ध किया क्योंकि इससे जुड़ी चीजें पब्लिक डोमेन में आई हैं. हमने नहीं सोचा था कि आप इतनी तेजी के साथ निर्माण का काम शुरू करेंगे. कोई स्टे नहीं है, इसका मतलब ये नहीं कि आप सब कुछ करेंगे."
बेंच ने कहा,
"हम आपको सम्मान दे रहे हैं तो आपको भी विवेक के साथ काम करना चाहिए. कोर्ट के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए. हमें कोई आपत्ति नहीं अगर आप कागजी कार्रवाई करें या फिर शिलान्यास करें लेकिन किसी तरह का कोई निर्माण कार्य आप नहीं करेंगे."
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में निर्देश लेने के लिए कोर्ट से एक दिन का समय मांगा, लेकिन न्यायालय ने जोर देकर कहा कि केंद्र को 5 मिनट में अपना रुख बताना चाहिए. इसके बाद मेहता ने कहा कि सरकार प्रोजेक्ट की जगह पर ना तो कोई निर्माण करेगी, ना ही ध्वस्तीकरण और ना ही पेड़ों को काटा छांटा जाएगा. इस आश्वासन के बाद कोर्ट ने सरकार को तमाम कागजी कार्रवाई और शिलान्यास कार्यक्रम की अनुमति दे दी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिकाकर्ताओं ने DDA यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण के 21 दिसंबर, 2019 को जारी किए गए उस नोटिफिकेशन को चैलेंज किया था जिसमें लैंड यूज में बदलाव की बात थी. नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने ये कहते हुए प्रोजेक्ट का बचाव किया था कि वर्तमान बिल्डिंग पर काफी दबाव है और इसलिए नई इमारत व नए केंद्रीय सचिवालय की आवश्यकता है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 5 दिसंबर को कहा कि ये नई इमारत 2022 तक बन कर तैयार हो जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि उस साल (2022 में) संसद का सत्र नई बिल्डिंग में ही चलाया जाएगा. बिड़ला ने बताया कि नई इमारत के निर्माण में सीधे तौर पर 2000 लोग और अप्रत्यक्ष रूप से 9000 लोग जुड़ने वाले हैं. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के द्वारा इस नई बिल्डिंग को बनाया जाएगा. सितंबर 2020 में इसके लिए बोलियां लगाई गई थीं. संसद की नई इमारत 64,500 स्क्वायर मीटर में फैली होगी और इसके बनाए जाने पर कुल खर्च 971 करोड़ आएगा. ये नई बिल्डिंग भूकंपरोधी होगी. आपको बता दें कि वर्तमान संसद भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को किया गया था और इसे छह साल में 83 लाख की लागत से तैयार किया गया था. इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा 18 जनवरी 1927 को किया गया था.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement