शेर के बच्चे की इमोशनल स्टोरी, मां की जगह टेडी ने ले ली
ये पगला घड़ी की टिक टिक को मां की धड़कन समझता है. और असली मां ने इसे छो़ड़ दिया है.
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Source : Reuters, Symbolic Image
कभी किसी जानवर के बच्चे को टेडी बियर से खेलते देखे हो. खासकर शेर के बच्चे को. नहीं न. मैंने भी नहीं देखा था इससे पहले. जानते हो क्यों शेर का बच्चा टेडी से खेल रहा है. क्योंकि इसकी सगी मां ने उसके साथ सौतेला व्यवहार किया. बहुते हार्ट-टचिंग स्टोरी है. पढ़ के आंसू निकल पड़ेगें. और हां ये कोई परी कथा नहीं है. द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने पूरी कहानी छापी है.
माचिया सफारी नाम से एक पार्क है जोधपुर में. वहां गुजरात के जुनागढ़ से एक शेरनी को लाया गया था. प्रेग्नेंट थी. 7 जून को उस शेरनी ने दो बच्चों को जन्म दिया. दोनों बच्चे प्रीमेच्योर थे. एक तो तुरंत ही मर गया वहीं दूसरे की हालत नाजुक है. जैसे इंसान के बच्चे को हट्टा-कट्टा पैदा होने के लिए 9 महीने लगते हैं इसी तरह शेरनी को 105 दिन लगते हैं.
पर ये बच्चे 95 दिनों में ही पैदा हो गए थे. जन्म देने के बाद शेरनी ने उनके साथ सोतेली मां जैसा बर्ताव किया. वो अपने ही बच्चे को देखना नहीं चाहती. जब पार्क के लोगों ने उसे बच्चे के पास ले जाना चाहा तो वो खौरा गई. और मुंह फेर कर बच्चे से दूर चली गई. न उसे दूध पिला रही है और न ही उसे दुलार रही है.
एक तो बच्चा गर्मी से परेशान है. दूसरा उसकी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बहुत कम है. 14 जून को तो उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी. पार्क वालों ने उसकी मां के सौतेले व्यवहार से परेशान होकर उसके पिंजरे में एक पालना रख दिया है. उसमें एक टेडी बियर भी है जिसके अंदर टिक-टिक करने वाली घड़ी लगी है. जिससे उसे लगे की कोई अपना उसके साथ है.
पर पता वो बच्चा उस टेडी को अपनी मां समझ बैठा है. उसी के साथ सोता है, खेलता है. भूख लगती है तो पार्क के लोग उसको गाय का दूध पिला देते हैं. उस पगले को तो ये भी नहीं पता कि जिसे वो अपनी मां समझ रहा है वो उसकी मां नहीं एक खिलौना है.
पार्क के वेटनरी डॉक्टर शर्वान सिंह राठौड़ का कहना है कि वो ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएगा. हो सकता है इन्क्यूबेटर(प्री मेच्योर बेबी को रखने का मशीन) की ठंडक उसे बचा सके. लेकिन दिक्कत ये है कि पार्क में ऐसी कोई सुविधा है नहीं. हमलोग बस यहीं आशा करते हैं कि शेरनी दोबारा से मां बने.
कुछ दिन पहले दफ्तर से घर जाते हुए देखा कि एक छोटा बच्चा कुत्ते के बच्चे को परेशान कर रहा था. आसपास देखा कहीं कोई नहीं था. बच्चे को डांटने के लिए मुंह खोलने ही जा रही थी कि देखा कुत्ते की मां दौड़ते- भौंकते आई. और बच्चे को खींचने लगी. बच्चा डर कर भाग गया. फिर वो अपने बच्चे को लेकर चली गई. एक तरफ ये शेरनी है जो बच्चे से मुंह फेर कर बैठी है. मानो किसी ने कह दिया हो कि ये तुम्हारा बच्चा नहीं है. और दूसरी तरफ मेरी गली में रहने वाला कुत्ता. बच्चे की तकलीफ देखी नहीं गई. और उसे बचाने चला आया. समझ नहीं आता उस शेरनी के दिमाग में चल क्या रहा है.