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क्या एक महीने के अंदर ही टूटने लगी सरदार पटेल की मूर्ति?

लोग कह रहे हैं कि चीन का माल ऐसा ही होता है. क्या है ये सफेद सी चीज, जिसे लोग क्रैक मान रहे हैं.

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ पोस्ट्स में लोग इन तस्वीरों के सहारे ये दावा कर रहे हैं कि स्टैचू ऑफ यूनिटी में दरार आ गई है (फोटो: फेसबुक)
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स्वाति
3 दिसंबर 2018 (Updated: 4 दिसंबर 2018, 05:57 AM IST) कॉमेंट्स
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क्या 3,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी दुनिया की सबसे लंबे कद की मूर्ति में एक महीने के अंदर ही दरार पड़ गई है? क्या सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' टूटने लगी है? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट का यही दावा है.
क्या है इस वायरल पोस्ट में? कुछ तस्वीरें हैं. गुजरात में लगी सरदार पटेल की मूर्ति की फोटोज़. काफी ज़ूम करके शॉट लिया गया है. हमको इसमें पैरों का हिस्सा दिखता है. इसमें सफेद रंग की लकीरें हैं. लोगों ने फोकस करने के लिए इसे गोल घेरे में दिखाया है. उनका दावा है कि ये सफेद लकीरें असल में दरारें हैं. फोटोज़ के साथ जो मेसेज वायरल हो रहा है, उसमें लिखा है-
After successfully damaged 2000 notes within 2 years Sardar Statue cracking in 2 weeks
ये वायरल मेसेज का एक स्क्रीनशॉट देखिए. ढाई हजार से ज्यादा शेयर हैं इस पोस्ट के.
ये वायरल मेसेज का एक स्क्रीनशॉट देखिए. ढाई हजार से ज्यादा शेयर हैं इस पोस्ट के.

इसका हिंदी तर्जुमा कुछ यूं होगा-
दो हज़ार के नोटों को दो साल के भीतर डैमेज करने के बाद अब उद्घाटन के दो हफ़्ते के भीतर सरदार पटेल की मूर्ति में भी दरार आ गई.
कई किस्म के अलग-अलग मेसेज़ेस के साथ ये तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
कई किस्म के अलग-अलग मेसेज़ेस के साथ ये तस्वीरें वायरल हो रही हैं.

इसी मतलब के और भी कुछ मेसेज घूम रहे हैं. सबका दावा यही है कि पटेल की मूर्ति में क्रैक आ गया है.
सच क्या है? हमने सोचा, पहले ये देखें कि जब मूर्ति का उद्घाटन हुआ, तब ये किस हालत में थी. हम स्टैचू ऑफ यूनिटी की वेबसाइट पर गए. 31 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मूर्ति का उद्घाटन किया था. इस मौके की कई तस्वीरें हैं इस वेबसाइट पर. कई क्लोज़ ऐंगल से ली गई फोटोज़ भी हैं. वहां भी हमें मूर्ति पर सफेद लकीरें दिखीं. आपने घर बनते देखा है? या कोई ऐसा घर देखा है, जिसमें ईंट के ऊपर प्लास्टर न हुआ हो? उसमें साफ-साफ दिखता है कि ईंटें एक-दूसरे से कैसे जुड़ी हुई हैं. वेबसाइट पर हमें कुछ ऐसी फोटोज़ दिखीं, जिनमें ब्लॉक सा दिख रहा था. मानो अलग-अलग टुकड़ों को आपस में जोड़कर ढांचा बनाया गया हो. जोड़ने वाली जगहों पर सफेद लकीरें दिख रही थीं. कुछ जूम शॉट्स हम आपको नीचे दिखा रहे हैं. आपको समझ आ जाएगा कि हम क्या कह रहे हैं-
ये 31 अक्टूबर, 2018 की तस्वीरें हैं. इसी दिन 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (फोटो: http://www.statueofunity.in/)
ये 31 अक्टूबर, 2018 की तस्वीरें हैं. इसी दिन 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (फोटो: http://www.statueofunity.in/)

 
ये पास से ली हुई तस्वीरें हैं. आपको इसमें मूर्ति के अंदर लगी ब्लॉक्स दिख रही होंगी. सफेद लकीरें भी दिख रही होंगी. इन्हें देखकर आपको नहीं लग रहा कि ब्लॉक्स को जिस चीज की मदद से आपस में जोड़ा गया है, ये उसी जोड़ने के निशान हैं (फोटो: ये 31 अक्टूबर, 2018 की तस्वीरें हैं. इसी दिन 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (फोटो: http://www.statueofunity.in/))
ये पास से ली हुई तस्वीरें हैं. आपको इसमें मूर्ति के अंदर लगी ब्लॉक्स दिख रही होंगी. सफेद लकीरें भी दिख रही होंगी. इन्हें देखकर आपको नहीं लग रहा कि ब्लॉक्स को जिस चीज की मदद से आपस में जोड़ा गया है, ये उसी जोड़ने के निशान हैं (फोटो: http://www.statueofunity.in/)

 
ये एकदम पास का शॉट है. इन्हीं लकीरों को लोग मूर्ति में आई दरार बता रहे हैं (फोटो: http://www.statueofunity.in/)
ये एकदम पास का शॉट है. इन्हीं लकीरों को लोग मूर्ति में आई दरार बता रहे हैं (फोटो: http://www.statueofunity.in/)

टेक्निकल साइड भी जान लीजिए  ये तो हुआ ऑब्जर्वेशन. मगर कुछ ऑथेंटिक सोर्स भी तो होना चाहिए जानकारी का. यही सोचकर हमने बात की पी सी व्यास से. ये जनाब स्टैचू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के चीफ इंजिनियर हैं. मूर्ति के बनने, उसकी डिजाइनिंग जैसी टेक्निकल चीजों से बेहद करीब से जुड़े रहे हैं. उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में लोग जिसे मूर्ति में आई दरार बता रहे हैं, वो असल में दरार है ही नहीं. उन्होंने बताया कि ये मूर्ति अलग-अलग पैनल्स को आपस में जोड़कर बनाई गई है.
पी सी व्यास ने बताया कि अलग-अलग साइज के पैनल्स का इस्तेमाल हुआ है स्टैचू में. तीन गुणे तीन मीटर का एक माइक्रो पैनल है. ऐसे नौ माइक्रो पैनल जोड़कर बना एक मैक्रो पैनल. दो मैक्रो पैनल्स को फिर एक्सपेन्शन जॉइंट लगाकर आपस में जोड़ा गया. मूर्ति में जो सफेद लकीरें दिख रही हैं, वो खास तरह की वेल्डिंग के निशान हैं.
जाते-जाते ये एक और तस्वीर देखते जाइए. इसमें भी आपको ब्लॉक्स नज़र आ रहे होंगे (फोटो: http://www.statueofunity.in/)
जाते-जाते ये एक और तस्वीर देखते जाइए. इसमें भी आपको ब्लॉक्स नज़र आ रहे होंगे. अब ये सारी दरारें तो हो नहीं सकतीं. होतीं तो पहले ही दिन रिपोर्ट भी होतीं (फोटो: http://www.statueofunity.in/)

कौआ कान लेकर दौड़ा जा रहा है. कोई ये कहे, तो कौए के पीछे भागने की जगह अपना कान टटोलिए. समझदार लोग तो ऐसा ही करते हैं. बाकी आप देख लीजिए अपना.



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