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"उनका जुर्म क्या है?" - PFI पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने दिया बवाल करवाने वाला बयान!

"क्या उनसे कोई खतरा हो गया है या वो मुल्क के लिए खतरनाक हैं? उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है?"

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सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क (फोटो-आजतक/ ANI)
23 सितंबर 2022 (Updated: 23 सितंबर 2022, 12:02 IST)
Updated: 23 सितंबर 2022 12:02 IST
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 106 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.  मामले पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) का बयान सामने आ रहा है. PFI का समर्थन करते हुए उन्होंने सवाल किया कि इस संगठन के लोगों का जुर्म क्‍या है?

संभल के सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क ने ANI के साथ बातचीत में कहा

“PFI का जुर्म क्या है? वो एक पार्टी है और एक संस्था चला रही है. जैसे बाकी पार्टियां प्रोग्राम चलाती हैं वो भी चला रही है. तो उनका जुर्म क्या है जो उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है? क्या उनसे कोई खतरा हो गया है या वो मुल्क के लिए खतरनाक हैं? उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है. देश में तो इतनी सारी पार्टी हैं.”

लगभग 100 लोगों की गिरफ्तारी पर शफीक उर रहमान बोले

“अब तो जो सरकार है वो जिसे चाहे उसे गिरफ्तार कर लेती है. PFI देश के मुसलमानों की समस्‍याओं से लड़ रही है.”

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक ये छापेमारी टेरर फंडिंग, ट्रेनिंग कैम्प और संगठन में शामिल होने के लिए लोगों को उकसाने के आरोपों के तहत की जा रही है. PFI के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही है. PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम और दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को भी हिरासत में लिया है. गिरफ्तारी और धरपकड़ का आंकडा लगातार बढ़ रहा है.

लंबे समय से थी तैयारी

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन की प्लानिंग काफी पहले से चल रही थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य सरकारों की पुलिस की तरफ से एक कोऑर्डिनेटेड ऑपरेशन तैयार किया गया था. फिर 21 और 22 सितंबर की दरम्यानी रात एक बजे पूरे देश में ऑपरेशन शुरू किया गया. इस देशव्यापी छापेमारी अभियान में 4 आईजी, 1 एडीजी, 16 एसपी समेत 200 एनआईए के जवान शामिल है.  

क्या है PFI? 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है. PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी अभी तक साफ नहीं है. हालांकि, दावा करता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है. 

देखें वीडियो- PFI पर हुई छापेमारी में NIA ने किसको-किसको पकड़ा?

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