कमाल! सोनू सूद ने ज़रूरतमंदों की मदद के लिए अपनी प्रॉपर्टी गिरवी रखकर 10 करोड़ का लोन लिया
ऐसा तो किसी ने सोचा भी न होगा.
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पूरे लॉकडाउन के दौरान सोनू प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए एक्टिव रहे. फोटो - फाइल
सोनू ने एक बार फिर ज़रूरतमंदों की मदद करने की ठानी है. कुछ ऐसा कर डाला जो शायद इससे पहले फिल्मों में ही देखा-सुना जाता था. हम फिल्मों में अक्सर सुनते हैं कि बुरी आदतों की वजह से घर-जायदाद गिरवी रखने की नौबत आ गई. सोनू के केस में यही डायलॉग उल्टा पड़ गया. उन्होने अपने घर-जायदाद तो गिरवी रखे, पर अपनी किसी बुरी आदत पे पर्दा डालने के लिए नहीं. बल्कि, ज़रूरतमंदों के लिए पैसा जुटाने के लिए. आप पूछेंगे कितना पैसा? जवाब है 10 करोड़.

सोनू की किताब 'मैं मसीहा नहीं हूं' का कवर. फोटो - इंस्टाग्राम
सोनू ने अपनी कुल 8 प्रॉपर्टीज़ पर ये लोन उठाया है. जिसमें उनके जुहू पते की शिव सागर सीजीएचएस बिल्डिंग शामिल है. ग्राउंड फ्लोर की 2 दुकानें और ऊपर के 6 फ्लैट्स इसका हिस्सा हैं. उनका ये करार स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के साथ हुआ है. अग्रीमेंट 15 सितंबर को ही साइन हो चुका था. जिसके बाद रजिस्ट्रेशन का काम 24 नवंबर को पूरा हुआ.
डॉक्युमेंट्स के मुताबिक ये प्रॉपर्टीज़ सोनू और उनकी बीवी सोनाली के नाम है. दोनों को लोन रजिस्ट्रेशन के वक्त 5 लाख रुपए की फीस भी देनी पड़ी.
दूसरो की मदद के लिए आगे आने का सोनू के लिए ये पहला मौका नहीं है. और जिस हिसाब से वो जा रहे हैं, लग नहीं रहा कि आखिरी भी होने वाला है. इससे पहले सोनू ने 170 प्रवासी मजदूरों को मुंबई से अपने घर उत्तराखंड भेजा. चार्टर्ड फ्लाइट में. ऐसी ही एक और फ्लाइट से केरला में फंसे 167 मजदूरों को उड़ीसा पहुंचाया. अपनी इसी 'नेकी कर दरिया में डाल' अप्रोच की वजह से उनकी वाहवाही भी जमकर हुई. सम्मान भी मिला. कुछ महीनों पहले ही यूनाइटेड नेशंस ने अपने स्पेशल ह्यूमेनीटेरियन अवॉर्ड से नवाजा. प्रियंका चोपड़ा के बाद ये खिताब पाने वाले वे दूसरे भारतीय सेलेब्रिटी बने.