सीबीआई की रेड और जेटली का डीडीसीए लफड़ा. बस इत्ता काफी था 'आप' और सरकार के भिड़ने के लिए. मंगल से शुरू हुआ सियासी अमंगल जुम्मे रात भी चालू रहा. 'आप' और सरकार के माइकमैन एंड वूमेन जुबानी फायरिंग करते रहे. जानिए दोनों तरफ के लोगों की एक दूसरे से फुंकी पड़ी है. क्या हैं एक-दूजे पर आरोप:
पहले AAP आओ, आरोप लगाओ1.DDCA के हेड रहे थे जेटली 1999 से 2013 तक. वित्त मंत्री जेटली ने बैलेंस शीट और रजिस्टर नहीं बनाया. सिलेक्टर्स के लिए कोई रूल नहीं है. भ्रष्टाचार है. जेटली इस्तीफा दें.
2. सभी टीमों में बूड्ढे यानी ओवरएज प्लेयर्स खेलते हैं. बिना काम के कंपनियों को पेमेंट कर दी गई. 16 कंपनियों को एक ही काम के लिए एक करोड़ रुपये दिए गए.
3.जेटली की लीडरशीप में एक स्टेडियम बनना था 24 करोड़ रुपये में. खर्चा दिखाया गया 114 करोड़. 90 करोड़ रुपये कहां गए.
4.सीबीआई ने छापा भी इसलिए मारा. क्योंकि वो डीडीसीए की फाइलें गायब करना चाहती थी. मोदी इस्तीफा दें. जेटली इस्तीफा दें. हम आम आदमी हैं.
अब आप आइए. और AAP पर आरोप लगाइए स्मृति ईरानी1.डीडीसीए की जांच AAP का काम नहीं है. डीडीसीए खुद कर लेगी जांच.
2.अरविंद केजरीवाल अपने दफ्तर के भ्रष्ट ऑफिसर्स पर हो रही जांच को मोड़ना चाह रहे हैं.
3. एक रिपोर्ट है दो साल पुरानी. उसके मुताबिक, जेटली रोज नहीं जाते थे वहां. काम भी रोज नहीं करते थे.
4. करप्ट अधिकारियों को बचाने के लिए अन्ना के उसूलों को भूल गई AAP.
अब वकील साहेब जेटली की दलील
https://twitter.com/ANI_news/status/677433183567155200
आरोप हैं गंभीर, इस्तीफा दें जेटली: केजरीवाल
https://twitter.com/PTI_News/status/677447320942739459