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क्या सिद्धू मूसेवाला ने अपने इस गाने में अपने मर्डर की भविष्यवाणी कर दी थी?

मूसेवाला के गाने दी लास्ट राइड के बोल हैं - "इसका जवानी में जनाज़ा उठेगा"

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sidhu moosewala last song
सिद्धू मूसेवाला के आखिरी गाने 'द लास्ट राइड' के स्क्रीनशॉट (तस्वीरें यूट्यूब पर मौजूद गाने से साभार हैं)
31 मई 2022 (Updated: 2 जून 2022, 23:29 IST)
Updated: 2 जून 2022 23:29 IST
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रविवार 29 मई का दिन था, जब मशहूर पंजाबी सिंगर और नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना से उनके फैंस और चाहने वालों को धक्का लगा है. साथ ही राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई है. सिद्धू की हत्या का जिम्मा लिया है कनाडा बेस्ड गोल्डी बराड़ (Goldy Barar) गैंग ने. गोल्डी, कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के गैंग से जुड़ा हुआ है और उसके साथ में काम करता है. खबरों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला को निशाने पर लिया हुआ था.

इन सबके बीच सोशल मीडिया पर सिद्धू के फैंस कह रहे हैं कि उन्होंने अपने एक गाने में जो भी कहा वो सच हो गया. दरअसल 2 हफ्ते पहले ही सिद्धू ने अपना एक गाना लॉन्च किया था. गाने का नाम है 'द लास्ट राइड', यानी आखिरी यात्रा. 'द लास्ट राइड' गीत को खुद सिद्धू ने लिखा था. इस गीत के बोल हैं, 'चोब्बर दे चेहरे उत्ते नूर दसदा नी, एहदा उठूगा जवानी च जनाजा मिठिए.' यानी गबरू जवान के चेहरे पर नूर है, इसका जवानी में जनाज़ा उठेगा. 

सिद्धू की हत्या के बाद से यह गीत काफी वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर सिद्धू मूसेवाला को श्रद्धांजलि देते हुए लोग इस गीत को शेयर कर रहे हैं. उनके कुछ फैंस तो ये भी कह रहें हैं कि इस तरह का गाना लिखने वाले सिद्धू को क्या पहले ही अपनी मौत का अंदाजा हो चुका था?

अनूप विश्वकर्मा ने ट्वीट करके लिखा, 

"फैक्ट ये है कि सिद्धू मूसेवाला के आखिरी गाने का नाम "द लास्ट राइड" और "295" था, जो आज की तारीख है. और उनकी मौत भी उसी तरह हुई जिस तरह इस गाने का कवर है."

एक अन्य यूजर ने लिखा, 

"उनका गाना 'द लास्ट राइड 295' है और उनकी मौत की तारीख 29/5 है. द लास्ट राइड! अपनी ही कार में उनकी मौत हो गई, जो कि असल में उनका जनाजा है. ये घटना 5.29 बजे हुई जो कि 295 का उल्टा है. अपने भविष्य के बारे में उनकी सिक्स्थ सेंस कमाल की थी."  

आएशा लिखती हैं, 

"सिद्धू मूसेवाला पहले ग्राउंड ब्रेकिंग पंजाबी रैपर्स में से एक थे … उनका आखिरी गाना द लास्ट राइड है और गाने के कवर में टुपैक की कार दिखाई देती है, जिसमें उन्हें मारा गया था. जब जिंदगी आर्ट की कॉपी करती है तो ऐसा होता है. आप जल्दी चले गए लेकिन अपने गानों के जरिए हमेशा जिंदा रहेंगे." 

पत्रकार आदित्य मेनन लिखते हैं, 

"सिद्धू मूसेवाला के हालिया गानों में से एक - द लास्ट राइड - के बोल थे: 'नी एहदा उठुगा जवानी च जनजा मिट्ठिये"

सिद्धू के गाने को सुनने के लिए यहां क्लिक करें. सिद्धू ने इस गाने को पंजाबी में गाया है, उनके फैंस के लिए हम इस गाने का हिंदी ट्रांसलेशन नीचे दिया गया है. 

हो उम्र के हिसाब से दुगना रुतबा
थोड़ा नहीं बड़ा ही अख़लाक़ी/व्यवहार चलता 
आंखों में तपी कोई शह बोलती
ऐसे ही नहीं दुनिया में कोई बाघी चलता
हो पिछले कोई कर्मों का धनी लगता
या फिर मेहरबान है ख्वाजा मिट्ठिये

हो चोबर (गबरू-जवान) के चेहरे का नूर ये बताये
इसका उठेगा जवानी में जनाज़ा मिट्ठिये
हो गबरू-जवान के चेहरे का नूर ये बताये
इसका उठेगा जवानी में जनाज़ा मिट्ठिये

लोगों के चलने पे रास्ते बने
जट्ट जैसे चले उनके राह नहीं बने 
हो दुनिया के बने हैं चहेते बहुत
फायदे के लिए किसी के खुदा नहीं बने

खुद से खुद जैसा खित्ता(Practice) उठाया 
बस सिर्फ उठाया नहीं बाजा(साज़) मिट्ठिये

हो ग़ैरों के माथों पर पड़ें शिकन
इस हिसाब से कोई जवान नहीं होता 
माना की लोगों ने तरक्कियां बहुत की
पर इतनी जल्दी कोई महान नहीं होता

तख्ता ज़माने का पलट हो गया
बदल दिए हैं सारे रिवाज़ मिट्ठिये

बहुत से लोगों की Hate का वो हिस्सा बना
बहुत उसे यहां चाहते हुए मर गए
दुनिया में चर्च के झंडे झूलते 
पर उसे शहर में हराते हुए मर गए

जीत से ज़्यादा जिसकी हार बोलती 
इससे लगा ले क्या है अंदाज़ा मिट्ठिये

दुनिया तुम देखना वहां करेगी सजदे
जहां-जहां पड़ेंगे पैर जट्ट के
बड़े घरानों से पीठ जुड़ती
बड़े बड़े बन्दों से दुश्मनी जट्ट की

बताओ खब्बी खान कहां हमारे मुकाबले का
मालवा दोआबा क्या माझा मिट्ठिये

हो कन्धों पे काल(मौत) जिसके बोलियां सुनाये (गाने सुनाये)
बीबा यलगार जिसकी शहरी बनती 
हो गिनती के दिन वो जिए जग में 
अंत में तरक्की जिसकी दुश्मन बनती

हो मर्द माशूकों जैसे मौत का इंतज़ार करे 
न जाने कब खटखटाये दरवाज़ा मिट्ठिये

हो बेबाक body language मिट्ठिये 
गीतों में हर्षित सा touch बोलता 
ऐसे ही नहीं दुनिया खिलाफ हुई 
ज़रुरत से ज़्यादा लड़का सच बोलता
ज़रुरत से ज़्यादा लड़का सच बोलता

हो ज़िन्दगी का जंगनामा फिरे लिखता 
बहुतों ने साहिबा (मिर्ज़ा साहिबा) और हीरें(हीर रांझा) लिखीं
जीती नहीं तासीर किसी के बेटे ने
अंत में तू देख तसवीरें बिकीं

हो मूसेवाला जीते जी अमर हो गया 
बहुत आईं जग पर आवाज़ें मिट्ठिये

हो चोबर (गबरू-जवान) के चेहरे का नूर ये बताये
इसका उठेगा जवानी में जनाज़ा मिट्ठिये
हो गबरू-जवान के चेहरे का नूर ये बताये
इसका उठेगा जवानी में जनाज़ा मिट्ठिये 

(आपके लिए इस गाने का हिंदी अनुवाद हमारे साथी  रूहानी जोत सिंह ने किया है.)

वीडियो: सिद्धू मूसेवाला का मर्डर किसने किया, लॉरेंस बिश्नोई के साथी गोल्डी बराड़ ने यह बताया!

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