एकनाथ शिंदे के कैंप से लौटे नितिन देशमुख का बड़ा आरोप, 'मुझे अगवा करके ले गए'
इससे पहले नितिन देशमुख की पत्नी ने उनकी गुमशुदगी की एक शिकायत दर्ज कराई थी. वापस लौटकर देशमुख ने सीएम उद्धव ठाकरे का समर्थन कर दिया है.

शिवसेना विधायक नितिन देशमुख बागी नेता एकनाथ शिंदे के कैंप से वापस आ गए हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति अपना समर्थन भी जाहिर कर दिया है. साथ ही नितिन देशमुख ने आरोप लगाया है कि उन्हें ‘किडनैप’ करके ले बागी कैंप में ले जाया जा रहा था.
वापस लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में अनिल देशमुख ने कहा,
‘उस दिन का पूरा इतिहास मैंने बताया है. रात को तीन बजे रास्ते पर खड़ा था. 100-200 पुलिसवाले मेरे पीछे थे. फिर वे मुझे उठाकर हॉस्पिटल लेकर गए. और वहां इन्होंने एक नाटक रचा कि मुझे अटैक आया है... ऐसा संदेश दिया. अटैक आने का कारण बता कर वो मेरे बॉडी पर कुछ प्रक्रिया करना चाहते थे. लेकिन ईश्वर की कृपा से मैं सही सलामत हूं. मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का समर्थन कर रहा हूं.’
इससे पहले बीते मंगलवार 21 जून को नितिन देशमुख की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पति 'गुमशुदा' हो गए हैं.
नितिन देशमुख अकोला जिले के बालापुर से शिवसेना के विधायक हैं. उनकी पत्नी प्रांजलि देशमुख ने अकोला के सिविल लाइंस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वो अपने पति से सोमवार रात से संपर्क नहीं कर पा रही हैं और पुलिस उन्हें जल्द खोजने में मदद करे.
इस सबके बीच शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राज्य विधानसभा के भंग होने का संकेत दिया. महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच बुधवार 22 जून को संजय राउत ने कहा कि जब कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो विधानसभा भंग कर दी जाती है. उन्होंने ये भी कहा,
'विधायकों को किडनैप करने की कोशिश की जा रही है और उन्हें बाहर ले जाया जा रहा है. आपने विधायक नितिन देशमुख का मामला सुना होगा. उनके साथ हाथापाई की गई, गलत तरीके से अस्पताल में भर्ती कराकर उन्हें इंजेक्शन लगा दिया गया. उन्होंने बताया है कि ये उनकी हत्या करने की कोशिश थी.'
बता दें कि शिवसेना के बागी नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 25 नहीं, बल्कि 40 विधायक हैं, जिनमें से शिवसेना के 33 और सात निर्दलीय हैं. शिंदे इन विधायकों के साथ असम की गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे हुए हैं.