The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • sheena bora murder case fiance rahul mukerjea statement in cbi court of mumbai

शीना बोरा मर्डर केस : मंगेतर राहुल मुखर्जी ने कहा- "नहीं लगा था कि उस दिन उसकी हत्या हो जाएगी"

राहुल मुखर्जी ने शीना बोरा के साथ पहली मुलाकात से लेकर अंत तक की अपनी कहानी बताई है.

Advertisement
Sheena Bora and Rahul Mukerjea
शीना बोरा और राहुल मुखर्जी. (फाइल फोटो: पीटीआई/इंडिया टुडे)
pic
धीरज मिश्रा
10 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 08:45 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

शीना बोरा हत्याकांड मामले में बीते गुरुवार, 9 जून को सीबीआई अदालत के सामने प्रमुख गवाह राहुल मुखर्जी पेश हुए. उन्होंने घटना से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. राहुल ने बताया कि तमाम घटनाओं के बावजूद उन्हें ऐसा नहीं लगा था कि शीना की हत्या हो जाएगी.

राहुल मुखर्जी पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी के बेटे हैं. शीना बोरा राहुल की मंगेतर थीं. शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी पति-पत्नी थे, जो कि गिरफ्तारी के बाद अलग हो गए थे. इस हत्या मामले में दोनों प्रमुख आरोपी हैं. 

शीना बोरा से पहली मुलाकात

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने कोर्ट को साल 2008 में शीना से मुलाकात से लेकर अंत तक की कहानी बताई है. 

उन्होंने कहा,

 'शुरुआत में मुझे ये बताया गया था कि शीना इंद्राणी की बहन है. मैं अपने पहले ट्रिप के दौरान पीटर के घर में 2-3 महीने था. मेरे पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं था.' 

बाद में राहुल वापस इंग्लैंड चले गए. लेकिन तब तक शीना और उनके बीच में बातचीत शुरु हो गई थी.

राहुल ने एक घटना को याद करते हुए कहा, 

'साल 2008 के आखिर में शीना बहुत अपसेट थी और वह रो रही थी. मैंने जब इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह इंद्राणी की बहन बनकर नहीं रह सकी है. उसे यह देखकर काफी मुश्किल हो रही थी कि विधि (संजीव खन्ना से इंद्राणी की बेटी) के साथ बेटी की तरह सलूक किया जा रहा है, जबकि उसे यह दिखावा करना पड़ता है कि वह इंद्राणी की बहन है.'

इसके बाद राहुल ने शीना को अपने साथ रहने के लिए बुला लिया था, लेकिन पीटर और इंद्राणी इन दोनों के रिलेशनशिप को लेकर खुश नहीं थे. राहुल ने बताया कि साल 2009 में इंद्राणी ने शीना को वापस दिल्ली बुला लिया. यहां शीना को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे हिस्टीरिया के लिए ली जाने वाली एंटी-साइकोटिक दवा दी गई थी.

उन्होंने बताया कि इंद्राणी ने शीना के पूर्व प्रेमी से भी संपर्क किया और शीना को उसके साथ बेंगलुरु भेज दिया. हालांकि, शीना उस रिश्ते में नहीं जाना चाहती थी और फिर उसने अपने बचपन के एक दोस्त से बात की, जो उसे अपने घर ले गया. बाद में राहुल ने शीना को अपने साथ रहने के लिए बुला लिया.

आखिरी बार इंद्राणी के पास छोड़ा था

24 अप्रैल 2012 (हत्या की तारीख) की घटना याद करते हुए हुए राहुल ने बताया कि उस दिन उसने शीना को उसके ऑफिस से पिक किया था, फिर उसे वह उसके घर ले गया और फिर उसने उसे बांद्रा पर छोड़ दिया था.

राहुल ने बताया, 

'चूंकि मैं गाड़ी चला रहा था, इसलिए ये नहीं पता चल सका कि कौन सी कार थी. लेकिन मैंने उस गाड़ी में पीछे की तरफ इंद्राणी को बैठे हुए देखा था और श्याम (ड्राइवर) आगे बैठा हुआ था. एक व्यक्ति गाड़ी के बाहर खड़े होकर सिगरेट पी रहा था और उस समय मुझे नहीं पता था कि वह कौन था.'

हालांकि बाद में जब कोर्ट ने व्यक्ति की पहचान करने के लिए राहुल से पूछा तो उन्होंने संजीव खन्ना की ओर इशारा किया.

इसके बाद से राहुल की शीना से कभी बात नहीं हो पाई. हालांकि इस बीच उसके फोन से लगातार राहुल के पास मैसेज आते रहे थे. इसमें से एक मैसेज यह भी आया था कि 'उसे एक अमीर लड़का मिल गया है और वह अब उससे (राहुल) प्यार नहीं कर रही है, इसलिए पीछा नहीं करना चाहिए.'

राहुल मुखर्जी ने शीना और इंद्राणी को कई बार कॉल किया, शीना का पता लगाना चाहा लेकिन उसे टाल-मटोल वाले जवाब मिलते रहे और एक दिन उसे शीना बोरा की हत्या की खबर मिली.

मालूम हो कि साल 2015 में पहली बार ये मामला सामने आया था. आरोप है कि इंद्राणी ने 24 अप्रैल 2012 को संजीव खन्ना और श्यामवीर राय की मदद से 24 वर्षीय शीना बोरा की हत्या कर दी थी. इस समय इंद्राणी जमानत पर बाहर हैं. सीबीआई के मुताबिक पहले पति सिद्धार्थ दास से इंद्राणी को दो बच्चे थे- शीना और मिखाइल. मिखाइल इंद्राणी के माता-पिता के साथ गुवाहाटी में रहता है.

तारीख: द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे शातिर जासूस की कहानी

Advertisement

Advertisement

()