25 दिसंबर को शामली में जो महापंचायत हुई. उसके कारण हिंदू मुस्लिम तनाव बढ़ता जा रहा है. पुलिस 'थाना भवन' से विधायक सुरेश राना और कायराना से BJP सांसद हुकुम सिंह को लेकर भी जांच कर रही है. क्योंकि महापंचायत के दिन मौके पर दोनों मौजूद थे. 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे में दोनों आरोपी हैं.
मामला ये था कि एक 23 साल की हिंदू लड़की 1 दिसंबर को गायब हो गई थी. साथ में 35 साल का किराएदार आसिफ भी गायब था. लड़की के बाप ने FIR कर दी. आसिफ और उसके 4 फैमिली मेंबर्स के खिलाफ. पुलिस लड़की और आसिफ को खोज रही थी.
शुक्रवार को महापंचायत हुई. उसमें एक लोकल आश्रम के साधु आचार्य जसवीर महाराज ने भड़काऊ भाषण दिया. जिसकी वजह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया. इस महापंचायत से कुछ देर बाद दिल्ली में लड़की और आसिफ को कांधला पुलिस ने पकड़ लिया. लड़का अरेस्ट और लड़की मेडिकल जांच के लिए भेज दी गई.
आचार्य जसवीर और उनके भतीजे को गिरफ्तार करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया. जितेंद्र अरेस्ट हो गया और जसवीर की तलाश जारी है. हुकुम सिंह ने मीडिया को बताया कि ये कोई महापंचायत नहीं थी कुछ लोगों की मीटिंग थी. मैंने जसराज महाराज को रोका भड़काऊ भाषण देने से. मंच पर पहुंच कर उनसे माइक लेकर सबको शांत रहने को कहा.
वहीं राना ने कहा कि ये महापंचायत बुलाई गई थी. सोशल वर्कर नरेश सैनी इसके आयोजक थे. और तमाम संगठनों ने इस महापंचायत में हिस्सा लिया. और ये इसलिए था कि पुलिस लड़की को तलाशने में नाकाम थी. हमने तो उसके घर वालों से पुलिस से मामला वापस लेने को भी कहा था. सब कुछ पुलिस ने रिकार्ड कर रखा है वो अपने हिसाब से जांच करे.