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शाहजहांपुर में वकील ने ही मारी थी वकील को गोली, कहा- मजबूरी थी

“या तो सुसाइड कर लेता या उसे मार देता.”

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वकील भूपेंद्र की हत्या में आरोपी वकील सुरेश गुप्ता.
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अभिषेक त्रिपाठी
19 अक्तूबर 2021 (Updated: 19 अक्तूबर 2021, 09:21 AM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 18 अक्टूबर को कोर्ट परिसर के अंदर एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक वकील का नाम भूपेंद्र सिंह था, जिन्हें शहर के थाना सदर बाजार क्षेत्र स्थित अदालत में गोली मारी गई थी. जलालाबाद के भूपेंद्र सिंह 60 साल के थे. उन्हें गोली मारने वाला 88 साल का है और वो भी वकील है. नाम है सुरेश गुप्ता. हत्या के आरोपी वकील को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी सुरेश गुप्ता का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें वो कह रहे हैं –
“इन्होंने (भूपेंद्र ने) मेरे ऊपर 24 फ़र्जी मुकदमे कर रखे थे. चोरी से लेकर मर्डर तक के. कोई भी मुकदमा बंद होता था तो उसका ये रिवीजन डाल देते थे कि पिछला जजमेंट ग़लत हुआ. तो वो केस रीस्टोर हो जाते थे. मैं खाना नहीं खा पा रहा था. रात में नींद नहीं आती थी. हम इस वजह से परेशान थे. अब या तो हम सुसाइड कर लेते या इसको मार देते.”
आरोपी सुरेश गुप्ता ने आगे बताया कि घटना के दिन पुलिस सुरक्षा कम थी इसलिए वे जेब में ही तमंचा रखकर कोर्ट परिसर तक पहुंच गए. आगे उन्होंने बताया,
“वो (भूपेंद्र) मेरे मकान में किरायेदार रह चुके थे. साल 2000 में मकान खाली कराया था. तब भी पुलिस के दख़ल से ही मकान खाली हो पाया था वरना वो कब्जा करना चाह रहे थे. मकान खाली करा लिया तो वो हमारी ही शिकायतें करने लगे. 153 शिकायतें मेरे पास रिसीव हुई हैं.”
सुरेश गुप्ता ने बताया कि वे बैंक से रिटायर्ड हैं, पेंशनर हैं.  क्या गोली मारने का कोई पश्चाताप है? इस सवाल पर आरोपी बोले –
“मेरे सामने मजबूरी थी. खुद मर जाना या मार देना.”
गौरतलब है कि हत्या की शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने भी मीडिया को जानकारी देते हुए सुरेश गुप्ता का जिक्र किया था. शाहजहांपुर के एसपी एस आनंद ने कहा था कि सुरेश कुमार गुप्ता 2019-20 में ही वकील बने हैं. उन्होंने बताया था कि मकान की किरायेदारी को लेकर सुरेश गुप्ता और मृतक वकील के कुछ केस चल रहे थे. उसी सिलसिले में सुरेश, भूपेंद्र से मिलने आए थे. अब खुद सुरेश ने इसकी पुष्टि कर दी है कि उनके और मृतक वकील के बीच क्या कलह चल रहा था. इस घटना से दूसरे वकीलों और न्यायाधीशों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. कोर्ट परिसर के अंदर जाने के लिए सभी लोगों को गेट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से गुजरना होता है. इसके बावजूद सुरेश गुप्ता कैसे तमंचा लेकर अंदर पहुंच गए, ये बड़ा सवाल है. मृतक वकील भूपेंद्र सिंह जलालाबाद जिले के रहने वाले थे. उनकी हत्या के बाद साथी वकीलों में डर के साथ काफी गुस्सा भी है. सोमवार को हुई घटना के बाद उनका कहना था कि गेट पर लगे सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए.

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