The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Shah Rukh and Sonu Sood considered for biopic on Bike Ambulance Dada Karimul Hak

बंगाल के 'एम्बुलेंस दादा', जिनकी कमाल कहानी पर बनने वाली फिल्म में सोनू सूद काम करेंगे!

सोनू सूद के साथ शाहरुख खान से भी बात चल रही है.

Advertisement
Img The Lallantop
फिल्म की शूटिंग अगले साल से शुरू हो सकती है. फोटो - फेसबुक
pic
यमन
15 दिसंबर 2020 (Updated: 15 दिसंबर 2020, 10:55 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
बंगाल के करीम-उल-हक़. कई सालों से लोगों की मदद कर रहें हैं. जरूरत के वक्त उन्हें अपनी बाइक एम्बुलेंस पर हॉस्पिटल पहुंचा के आते हैं. काफी इंस्पिरेशनल स्टोरी. तब नहीं सोचा होगा कि एक दिन पूरा देश उनकी कहानी को जानेगा. ये होने जा रहा है. उनकी कहानी पर एक फिल्म आने वाली है.
खबरों की माने तो बॉलीवुड प्रोडयूसर करीम मोरानी इसे बनाने जा रहे हैं. बॉलीवुड के कुछ एक्टर्स से बात भी चल रही है. जिनमें शाहरुख खान और सोनू सूद का नाम टॉप पर है. इसी मौके पर कुछ समय पहले करीम-उल-हक़ मुंबई आए थे. कॉन्ट्रेक्ट साइन करने और कंफर्म करने कि उनकी कहानी पर फिल्म बन रही है.
सोनू सूद ने ये रोल करने की इच्छा ज़ाहिर की थी. फोटो फाइल
सोनू सूद ने ये रोल करने की इच्छा ज़ाहिर की थी. फोटो फाइल

इस मौके पर उन्होंने कहा था,
ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मेरी लाइफ पर फिल्म बन रही है. अगर ये फिल्म लोगों को इंस्पायर कर पाती है, तो उससे बेहतर क्या होगा.
सोनू सूद को उनका किरदार निभाते देखने की बात पर उन्होंने कहा,
मैं सोनू सूद से पर्सनली मिला हूं. बहुत अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मुझे बताया कि वो मेरा किरदार निभाना चाहते हैं. पर वो मुझसे लगभग 1 फीट लंबे हैं. वो एक शानदार एक्टर हैं, पर मेकर्स को चिंता है कि मुझसे काफी अलग दिखते हैं. इसपर वो मेरी राय जानना चाहते थे.
Karimul
अब तक लगभग 5000 से ज़्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं. फोटो - फेसबुक

करीम-उल-हक़ की कहानी
करीम-उल-हक़ पश्चिम बंगाल के मलबाज़ार के रहने वाले हैं. वहां के चाय बागानों में काम करते हैं. पर एक दिन उनकी मां को हार्ट अटैक आ गया. यहां से करीम-उल-हक़ की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई. चारों तरफ एम्बुलेंस खोजी, पर कुछ ना हो सका. मां समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाई. जिस कारण उनकी डेथ हो गई. इसके बाद करीम-उल-हक़ ने फैसला लिया. कोई भी किसी अपने को एम्बुलेंस ना मिलने की वजह से नहीं खोएगा. तब से 20 गांवों में अपनी बाइक के ज़रिए लोगों को हॉस्पिटल पहुंचा रहे हैं. ऐसे गांव, जहां दूर-दूर तक पक्की सड़क का पता नहीं. इसी कारण उन्हे 'बाइक एम्बुलेंस दादा' भी कहा जाता है.
अब तक करीम-उल-हक़ लगभग 5000 से ज़्यादा लोगों को बिना किसी शुल्क हॉस्पिटल पहुंचा चुके हैं. अपनी सेविंग्स यूज़ कर खुद की ज़मीन पर हॉस्पिटल खड़ा करने में लगे हैं. ताकि हर ज़रतमंद इलाज करवा सके. इन्हीं सब कारणों की बदौलत उन्हे 2017 में पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था.
बता दें कि उन पर बनने वाली इस हिंदी फिल्म को विनय मुद्गल डायरेक्ट करेंगे. अगले साल जनवरी से इसकी शूटिंग शुरू की जा सकती है.

Advertisement