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सेल्फी की बेवकूफी में प्यासे रह गए हाथीराजा

रामनगर जंगल की बात है, गर्मी में जंगल में धंस पड़े, फोटो के चक्कर में बेचारे जानवरों को हलाकान कर दिया.

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Symbolic image Source : Pinterest
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जागृतिक जग्गू
10 जून 2016 (Updated: 10 जून 2016, 08:38 AM IST) कॉमेंट्स
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मतलब हद करते हैं लोग. सेल्फी लेनी है तो अपनी लो, जितनी मरजी उतनी लो, दिन-रात लो किसी ने रोका है क्या. फोन तुम्हारा, थोबड़ा तुम्हारा और मन भी तुम्हारा. आपको अच्छा लगेगा, खूब तेज प्यास लगी हो और कोई सामने से सेल्फी के लिए या फिर किसी और कारण के चलते रास्ता रोक दे. और वो भी 47 डिग्री टेंपरेचर में. बोलो आएगा न गुस्सा. मन करेगा न कि सामने वाले की ऐसी-तैसी कर दूं. जिम कॉरबेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर फॉरेस्ट डिविजन में रह रहे हाथियों का मन भी कुछ ऐसा ही किया होगा. जब टूरिस्ट से भरी जीप ने उनका रास्ता रोका होगा. वो भी उनके साथ सेल्फी लेने के लिए. एक तो उनके घरों से पानी का तालाब दूर. उसपर से ये गर्मी और लगी जोरो की प्यास. आधा घंटा उन हाथियों को वेट करना पड़ा ताकी टूरिस्ट अपना ताम-झाम ले कर निकले और वो पानी पीने जाए. बताओ ये कोई बात है, एक तो आप उनके घर में घुसे हो और उन्हें परेशान कर रहे हो. वो तो शुक्र है हाथी राजा अच्छे थे. मूड सही था उनका वरना उठा के ऐसे हवा में लहरा देते न कि आंख सीधे अस्पताल में खुलती. औऱ पूछ रहे होते, मैं कौन हूं. कहां हूं. रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को टूरिस्ट को घूमाने वाली सफारी जीप टूरिस्ट को जंगल दर्शन करा रही थी. रामनगर जंगल के पावलगढ़ इलाके में हाथियों का झुंड दिखा. तुरंत जीप रुकवाकर सेल्फी और फोटू लेने लगे. इन सब से परेशान हाथियों के झुंड को आधा घंटा इंतजार करना पड़ा. कि कब टूरिस्ट जाएं और वो तालाब की ओर प्रस्थान करे. और अपनी प्यास बुझाएं. कहते हैं न जिनके साथ गलत हो उन लोगों की भगवान जल्दी सुनता है. हाथियों की भी सुन ली. दो फॉरेस्ट रेंजर्स उस इलाके से गुजर रहे थे. उन्होंने ये सब देखा, जंगल के अफसरों को इसके बारे में बता दिया.  नसीम जो वहां ऑफिसर हैं. उन्होंने जब ये सुना तो उनका भी खून खौल गया. उन्होंने कह दिया है कि इस तरह की बेवकूफियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगीं. वन विभाग के नियमों के अनुसार सफारी जीप जंगली जानवरों का रास्ता नहीं रोक सकती. और न ही टूरिस्ट फोटो क्लिक करने के लिए जीप से बाहर निकल सकते हैं. इस घटना से ये तो पता चलता है कि जंगलों में जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं है. जानवरों को पानी पीने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है.

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